Fact Check: भ्रष्टाचार करने के दावे के साथ वायरल हो रहा अरविंद केजरीवाल का वीडियो क्लिप FAKE और ऑल्टर्ड है

भ्रष्टाचार करने के दावे के साथ वायरल हो रहा अरविंद केजरीवाल का वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है। ऑरिजिनल वीडियो में केजरीवाल व्यवस्था की खामियों पर बात करते हुए उसमें बदलाव का जिक्र करते हैं, लेकिन वायरल क्लिप उनकी पूरी बातचीत का एक चुनिंदा अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: भ्रष्टाचार करने के दावे के साथ वायरल हो रहा अरविंद केजरीवाल का वीडियो क्लिप FAKE और ऑल्टर्ड है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली आबकारी नीति (अब रद्द) में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें भ्रष्टाचार पर बोलते हुए सुना जा सकता है। वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि केजरीवाल कथित तौर पर भ्रष्टाचार में अपनी संलिप्तता को स्वीकार रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक और केजरीवाल के खिलाफ दुष्प्रचार पाया। वायरल वीडियो ऑल्टर्ड है, जिसे एडिट कर मूल संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद  सोशल मीडिया पर कई अन्य ऑल्टर्ड तस्वीरों और वीडियो क्लिप को शेयर किया जा रहा है, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘sanatan_he_sanatan’s profile picture’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) क्लिप को शेयर किया है, जिसे करीब 26 हजार से अधिक लोग लाइक कर चुके हैं। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह केजरीवाल की असलियत को बयां कर रहा है।

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल हो रहा ऑल्टर्ड क्लिप।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो क्लिप कुछ सेकेंड का है, जिसमें केजरीवाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “…..पहले तो हम गरीब जनता को चूसते हैं और फिर उनके ऊपर दान करते हैं…..!”

स्पष्ट है कि यह वीडियो एडिटेड अंश है, जिसे उसके मूल संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है। चुनावों के दौरान अक्सर नेताओं के भाषण के आधे-अधूरे क्लिप को चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किए जाने का यह प्रचलित तरीका है। वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स की प्रोफाइल पर इस वीडियो का लंबा वर्जन मिला, जिसे सुनकर वायरल क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है।

एक्स यूजर ‘अभिजीत दीपके’ ने अपनी प्रोफाइल से इस वीडियो (आर्काइव लिंक) को 24 मार्च 2024 को शेयर करते हुए लिखा है, “आप के शुरुआती दिनों का वीडियो। सिस्टम बदलना लंबा काम है तो क्या हुआ? किसी को तो करना पड़ेगा।”

वीडियो में अरविंद केजरीवाल को कहते हुए सुना जा सकता है, “…..ऐसी हालत ही क्यों है कि आपको चैरिटी करनी पड़े….पहले तो हम गरीब जनता को चूसते हैं और फिर उनके ऊपर दान करते हैं..कि एक  हजार लड़कियों की शादी हम कराएंगे..अगर हम उनके…उनका आय बढ़ा दें अगर…ये जितना व्यवस्था है…जो व्यवस्था हर आदमी को चूस रही है, अगर इस व्यवस्था को ही हम….(सामने बैठा व्यक्ति बोल पड़ता है…अगर हम सोच लें कि उनकी आय बढ़ानी है तो वो एक लेंदी (लंबा) प्रॉसेस हो जाता है…फिर केजरीवाल बोलते हैं..) मैं इस पर थोड़ा भिन्न विचार रखता हूं…सारे दान दक्षिणा में ही लगे हुए हैं…व्यवस्था कोई नहीं सुधारना चाहता है….ये बड़ा मुश्किल है व्यवस्था वाला काम…जैसा इन्होंने कहा कि ये लंबा काम है…लंबा काम है लेकिन करना तो पड़ेगा। किसी को तो करना पड़ेगा…दान वालों का काम दान वालों पर छोड़ दीजिए…वो कर रहे हैं अच्छा खासा काम…जितने आप दान करोगे…वहां मैं आपके साथ नहीं हूं…वो आप अपना अलग से कर लेना…जहां पर लड़ना, कटना, मरना है, वहां पर मैं आपके साथ खड़ा हूं। ठीक है!”

हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा क्लिप एडिटेड है, क्योंकि मूल वीडियो में केजरीवाल व्यवस्था की खामियों की बात करते हुए उसमें बदलाव का जिक्र करते हैं।

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने अभिजीत दीपके से संपर्क किया। दीपके मनीष सिसोदिया के पूर्व मीडिया सलाहकार रहे हैं और फिलहाल आप के सदस्य हैं। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया, “यह वीडियो आम आदमी पार्टी के  शुरुआती दिनों का कौशाम्बी ऑफिस का है, जहां केजरीवाल कुछ लोगों से बात कर रहे थे।” उन्होंने हमारे साथ इस क्लिप के ऑरिजिनल वीडियो को भी शेयर किया और बताया, “यह केजरीवाल पर बनी फिल्म ‘एन इनसिग्निफिकेंट मैन’ (An Insignificant Man) का हिस्सा है।”

यह फिल्म यू-ट्यूब पर मौजूद है। नौ मिनट 31 सेकेंड के फ्रेम में इस वायरल क्लिप को देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब डेढ़ हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: भ्रष्टाचार करने के दावे के साथ वायरल हो रहा अरविंद केजरीवाल का वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड और फेक है। ऑरिजिनल वीडियो में केजरीवाल व्यवस्था की खामियों पर बात करते हुए उसमें बदलाव का जिक्र करते हैं, लेकिन वायरल क्लिप उनकी पूरी बातचीत का एक चुनिंदा अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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