Fact Check : अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति की नहीं है यह तस्वीर

राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली मूर्ति को लेकर अभी केवल गुप्त मतदान हुआ है, लेकिन किसकी मूर्ति को चयनित किया गया है, इस बारे में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इसको लेकर केवल कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आने के साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर इससे संबंधित कई दावे शेयर किए जा रहे हैं। विश्वास न्यूज इनमें से कुछ फर्जी और भ्रामक दावों की पड़ताल कर चुका है। अब एक तस्वीर शेयर की जा रही है। इसमें राम दरबार की मूर्ति के साथ एक शख्स को देखा जा सकता है। इस फोटो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति की है, जिसे मैसूर के अरुण योगीराज ने बनाया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है। इसे बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं, लेकिन वायरल तस्वीर राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति की नहीं है। अभी तक मूर्ति के अंतिम चयन के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Suraj Kumar Singh (आर्काइव लिंक) ने 2 जनवरी को तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

“जय श्री राम
अयोध्या जी मे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली तीन मूर्तियों में से एक कर्नाटक, मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री अरुण योगीराज के द्वारा निर्मित हुआ है, मूर्ति का प्रथम दृश्य।”

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। 26 अक्टूबर 2019 को डेक्कन हेराल्ड की वेबसाइट पर छपी खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इसके कैप्शन में मूर्तिकार का नाम अरुण योगीराज लिखा हुआ है। मतलब यह तस्वीर हाल की नहीं है। इसमें लिखा है कि यह कलाकारी अरुण योगीराज और उनकी टीम की है।

अरुण योगीराज डॉट कॉम वेबसाइट पर भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है।

30 दिसंबर को दैनिक जागरण के अयोध्या के संस्करण में छपी खबर के अनुसार, “राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों ने मूर्ति के चयन के लिए गुप्त मतदान किया। 5 से 10 जनवरी के बीच इसका परिणाम सार्वजनिक किया जाएगा। रामलला की तीन मूर्तियों को बनाया गया है, जो कि 51-51 इंच की हैं। इन्हें अरुण योगीराज, गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडेय ने बनाया है। मूर्तियों को आठ फीट उंचे आधार पर स्थापित किया जाएगा। तीनों को मंदिर में अलग-अलग स्थापित किया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन किया गया है। उन्होंने दिल्ली स्थित इंडिया गेट के पीछे स्थित 30 फीट उंची सुभाष चंद्र बास की प्रतिमा का निर्माण किया था।”

2 जनवरी 2024 को स्टार ऑफ मैसूर वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक, “अरुण योगीराज ने कहा है कि उनके द्वारा बनाई गई मूर्ति के चयन के संबंध में उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि, भाजपा नेताओं द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए संदेशों से उन्हें लग रहा है कि उनके काम को स्वीकार कर लिया गया है। योगीराज ने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य और इंडिया गेट के लिए सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमाएं तैयार की हैं।”

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और संस्था के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय के आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

इस बारे में हमने अरुण योगीराज से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीर भेजी। उनका कहना है, “यह तस्वीर पुरानी है। अभी तक उनको उनकी मूर्ति के चयन के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी भी नहीं दी गई है।

इस बारे में अयोध्या में दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी रमाशरण अवस्थी का कहना है, “अभी तक मूर्ति का चयन फाइनल होने के बारे में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इसके लिए गुप्त मतदान हुआ था। जनवरी के मध्य तक इसका पता चलेगा।

भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। कोलकाता के रहने वाले यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली मूर्ति को लेकर अभी केवल गुप्त मतदान हुआ है, लेकिन किसकी मूर्ति को चयनित किया गया है, इस बारे में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इसको लेकर केवल कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर करीब चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है।

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