Fact Check : कलाकृति को एक बार फिर भगवान कृष्ण का दिल बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला। यह कोई असली दिल की तस्वीर नहीं है, बल्कि एक आर्टवर्क है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक लकड़ी के बने दिल को देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि कि ये भगवान जगन्नाथ के असली दिल की तस्वीर है, जिसे जगन्नाथ मंदिर में संभाल कर रखा गया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। दरअसल ये पेड़ से बना एक आर्टवर्क है, जिसे दिल के आकार का बनाया गया है। इसे रूस के एक कलाकार दिमित्री त्सिकालोव (Dimitri Tsykalov) ने लकड़ी और पेड़ की छाल से बनाया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Bijay Kr Bhagat (Archive) ने 20 मई को लंबे-चौड़े कैप्शन के साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया है और लिखा है, “भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ी तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया, लेकिन उनका हृदय बिल्कुल सामान्य एक जिंदा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है , जो भगवान जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है, ये बात बहुत कम लोगो को पता है!।

इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीर एक बार पहले भी फर्जी दावे के साथ वायरल हुई थी। उस समय भी हमने इसकी पड़ताल की थी। उस समय पड़ताल के लिए हमने गूगल लेंस के जरिए इस तस्वीर को सर्च किया था, तो हमें यह फोटो ‘coolhunting dot com’ की वेबसाइट पर पब्लिश एक आर्टिकल में मिली थी। 16 अप्रैल 2013 को पब्लिश इस आर्टिकल के मुताबिक, “यह एक आर्टवर्क है, जिसे दिमित्री त्सिकालोव नाम के एक रूसी कलाकार ने बनाया है।”

सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर ‘buro247 dot ru’ नाम की वेबसाइट पर भी मिली थी। 29 मार्च 2013 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया था, “यह तस्वीर पेरिस आर्ट फेयर की है। जिसे दिमित्री त्सिकालोव ने बनाया है।

हमें ‘thalmaray dot co’ नाम की वेबसाइट पर भी दिमित्री त्सिकालोव के आर्टवर्क की जानकारी मिली थी। 14 दिसंबर 2017 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया था, “दिमित्री त्सिकालोव का जन्म रूस में हुआ था। हालांकि,अब वो पेरिस में रहते हैं और वहीं से काम करते हैं। दिमित्री ने छाल और मिट्टी से बने एक विशाल लकड़ी के दिल का निर्माण किया था। उनके इस आर्टवर्क को ‘हार्ट एंड सॉइल’ नाम से जाना जाता है।” यहां हमें दिमित्री त्सिकालोव के बनाए गए कई अन्य आर्टवर्क के बारे में भी जानकारी मिली थी।

 उस समय दावे को लेकर हमने जगन्नाथ मंदिर के पीआर से भी संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था, “वायरल दावा गलत है। इस तस्वीर का भगवान जगन्नाथ से कोई संबंध नहीं है, लोग गलत जानकारी शेयर कर रहे हैं।” फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 5000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत निकला। यह कोई असली दिल की तस्वीर नहीं है, बल्कि एक आर्टवर्क है।

False
Symbols that define nature of fake news
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