2011 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की आलोचना करते हुए नितिन गडकरी के वीडियो क्लिप को मौजूदा चुनावी संदर्भ में अपनी ही सरकार की आलोचना के भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान के पहले सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसके जरिए यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने लोकतंत्र और संविधान के मुद्दे पर अपनी ही सरकार की आलोचना की।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो पुराना है और उस वक्त का है, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विपक्ष में हुआ करती थी और केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के नेतृत्व वाली सरकार हुआ करती थी, जिसके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। इसी पुराने वीडियो क्लिप को हालिया संदर्भ में शेयर किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि गडकरी अपनी ही सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Ramchandra Jhinjha’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “धन्यवाद गड़करी सर!
भारत के नागरिक गंभीरता से सोचें? संविधान को नष्ट करने वाला प्रधानमंत्री तानाशाही लाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है! ये दो लोग जो देश को गरीबों को बेचकर गरीब बनाने जा रहे हैं, ये देश का क्या करेंगे? उन्हें पानी में मराठी नजर आने लगे हैं. गड़करी साहब ने इसे सही पहचाना है। सही समय पर लोकतंत्र और संविधान का पक्ष लेने के लिए गड़करी साहब को हृदय से धन्यवाद! लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन जरूरी है, अन्यथा नेता तानाशाही का समर्थक बन जाता है। अब अंधभक्त, आंखें खोलो और समझदार हो जाओ! *इसे अधिक से अधिक स्थानों पर अग्रेषित कर लोगों को सच्चाई बताएं!”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो में नितिन गडकरी को सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के अधिकार का बचाव करते हुए सुना जा सकता है। मीडिया से बातचीत कर रहे गडकरी के साथ रविशंकर प्रसाद जैसे बीजेपी के अन्य नेता भी उनके साथ नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो पहले भी समान संदर्भ में अलग-अलग मौकों पर वायरल हो चुका है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वास्तव में यह वीडियो 15 अगस्त 2011 का है, जब नितिन गडकरी ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी और तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की आलोचना की थी।
वायरल वीडियो को लेकर हम डॉ.विजय सोनकर शास्त्री, अवनीश त्यागी समेत बीजेपी के कई प्रवक्ताओं से अलग-अलग मौकों पर संपर्क कर चुके हैं और उन सभी ने इस वीडियो को राजनीतिक दुष्प्रचार करार दिया था।
वायरल वीडियो को भ्रामक संदर्भ में शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।
चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
चुनाव आयोग की अधिसूचना (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 कुल सात चरणों में होगा और इस दौरान कुल 543 सीटों पर मत डाले जाएंगे और इन चुनावों के नतीजे चार जून को आएंगे।
निष्कर्ष: 2011 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की आलोचना करते हुए नितिन गडकरी के वीडियो क्लिप को मौजूदा चुनावी संदर्भ में अपनी ही सरकार की आलोचना के भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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