अप्रैल 2020 में लॉकडाउन में कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में सूरत पुलिस ने महिला से उठक-बैठक कराई थी। उस वीडियो को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताकर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो का हाल ही में हुई खरगोन हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के करीब एक हफ्ते बाद सोशल मीडिया पर 13 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बुर्का पहने हुए एक महिला कान पकड़कर उठक—बैठक लगा रही है। उसके पास में दो पुलिसकर्मी भी देखे जा सकते हैं। इस वीडियो को शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो मध्य प्रदेश के खरगोन का बताया जा रहा है। इस मुस्लिम महिला ने पत्थर फेंके थे। इस वजह से इसको उठक—बैठक लगवाई जा रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि करीब दो साल पुराने गुजरात के सूरत के वीडियो को गलत दावे से वायरल किया जा रहा है। अप्रैल 2020 में कोविड की रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर महिला को यह सजा मिली थी। इसका मध्य प्रदेश के खरगोन से कोई संबंध नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में
ट्विटर यूजर @Nidhirepublic (आर्काइव) ने 17 अप्रैल को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
बाबा से कम नहीं मामा कान पकड़ कर उठक बैठक करती हुई सलमा अब से पत्थर नही फेकेगी video मध्य प्रदेश के खरगौन का बताया जा रहा
फेसबुक यूजर Vivek Sirohi S ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए मिलता—जुलता दावा किया।
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल के InVID टूल की सहायता से कीफ्रेम निकाला। इसको रिवर्स इमेज से सर्च करने पर हमें ट्विटर यूजर Roop Darak BHARTIYA की आईडी से 17 अप्रैल 2020 को पोस्ट किया गया वायरल वीडियो मिला। यूजर ने इसे दिल्ली के शाहीन बाग का बताया था। इसके कमेंट सेक्शन में यूजर Rohit Verma ने वीडियो को गुजरात का बताया था। मतलब यह वीडियो करीब दो साल पुराना है।
कीफ्रेम को यांडेक्स रिवर्स इमेज से सर्च करने पर हमें फेसबुक पेज Connect Gujarat पर भी यह वीडियो मिला। इसे 16 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया है। इसमें लिखा है,
સુરત : સલાબતપુરમાં મહિલાએ કર્યો લોકડાઉનનો ભંગ, જુઓ પોલીસે કેવી આપી સજા (सूरत: सलाबतपुर में महिला ने तोड़ा लॉकडाउन, देखिए पुलिस ने कैसे दी सजा)
इसको कीवर्ड से सर्च करने पर हमें divyabhaskar पर इससे संबंधित खबर मिली, जिसे दो साल पहले पब्लिश किया गया है। इस खबर में भी वायरल वीडियो की एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। खबर के अनुसार, सूरत शहर में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी किया जा रहा है। इस बीच सलाबतपुरा मछली मार्केट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला उठक-बैठक करती दिख रही है। लॉकडाउन में इस तरह की सजा मिलने की काफी चर्चा हो रही है।
इसकी पुष्टि के लिए हमने गुजरात दैनिक जागरण के स्टेट हेड शत्रुघ्न शर्मा से बात की। उनका कहना है, वायरल वीडियो दक्षिण गुजरात के सूरत शहर के सलाबातपुरा पुलिस थाना क्षेत्र का है। इसका खरगोन से कोई संबंध नहीं है। लॉकडाउन के दौरान लगे कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले महिला और पुरुषों को पुलिस ने उठक-बैठक करा कर सजा दी थी।
गुजरात के दो साले पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर @Nidhirepublic की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर फरवरी 2021 में ट्विटर से जुड़ी हैं। उनके 13.8 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: अप्रैल 2020 में लॉकडाउन में कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में सूरत पुलिस ने महिला से उठक-बैठक कराई थी। उस वीडियो को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताकर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो का हाल ही में हुई खरगोन हिंसा से कोई संबंध नहीं है।
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