Fact Check: आंध्र प्रदेश की लड़की के यौन उत्पीड़न के सात साल पुराने वीडियो को मणिपुर और सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

आंध्र प्रदेश में सात साल पहले किशोरी से यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। इस वीडियो का मणिपुर से कोई संबंध नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक लड़की के यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक को लड़की से छेड़खानी करते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरा युवक वीडियो बना रहा है। इस दौरान वहां मौजूद दूसरी युवती युवक को रोकने की कोशिश करती दिख रही है।

कुछ यूजर्स वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे मणिपुर का बता रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स इसे हालिया समझते हुए आरोपियों की कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल वीडियो सात साल पहले आंध्र प्रदेश में हुई घटना का है। इस घटना में तीनों आरोपियों को पुलिस ने रेप की कोशिश समेत अन्य कई धाराओं में गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में न तो कोई सांप्रदायिक एंगल था और न ही यह मणिपुर से संबंधित है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर Amit Bokan Gurjar ने इस वीडियो को 8 सितंबर को सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर किया है।

एक्स यूजर Stephanie ने इस वीडियो को मणिपुर का बताते हुए सांप्रदायिक दावा किया।

फेसबुक यूजर Abhishek Kumar ने इसे हालिया समझते हुए आरोपियों पर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की।

(लड़की की पहचान उजागर न हो, इसलिए पोस्ट के लिंक नहीं दिए गए हैं।)

पड़ताल

वायरल वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च करने पर एनडीटीवी की वेबसाइट पर इससे संबंधित खबर मिली। 27 सितंबर 2017 को छपी खबर के अनुसार, “एक कॉलेज छात्रा से उसके प्रेमी द्वारा छेड़खानी और हमला करने का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो को हमलावर और उसके दो दोस्तों ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। तीनों युवकों को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से गिरफ्तार किया गया है। अरोपियों के नाम बी साई और कार्तिक हैं।”

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर अपलोड वीडियो न्यूज के अनुसार, पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर रेप की कोशिश समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

द हिंदू में 27 दिसंबर 2017 को छपी खबर में अरोपियों के नाम बी साई, कार्तिक और पवन दिए गए हैं।

इस बारे में आंध्र प्रदेश के स्थानीय पत्रकार श्रीहर्ष का कहना है कि वायरल वीडियो आंध्र के सात साल पुराने मामले का है। इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के 946 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: आंध्र प्रदेश में सात साल पहले किशोरी से यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। इस वीडियो का मणिपुर से कोई संबंध नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है।

False
Symbols that define nature of fake news
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