Fact Check: PM की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च का दावा दुष्प्रचार, वायरल RTI फेक और मनगढ़ंत

आरटीआई के जवाब के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा फेक और मनगढ़ंत है। मोरबी जिला प्रशासन ने इस दावे का खंडन करते हुए बताया है कि उसकी तरफ से ऐसे किसी आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया और साथ ही इस दावे के साथ गुजरात समाचार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट भी फेक और एडिटेड है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया था। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर जिला प्रशासन की तरफ से 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर किए गए आवेदन से प्राप्त हुई है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और चुनावी दुष्प्रचार निकला, जिसका मकसद मतदाताओं के मतदान व्यवहार को प्रभावित करना होता है। वायरल पोस्ट में जिस आरटीआई का हवाला देते हुए यह दावा किया गया है कि वह मनगढ़ंत है। मोरबी जिला प्रशासन ने ऐसी किसी भी आरटीआई को दाखिल किए जाने और उसका जवाब देने के दावे का खंडन किया है। वहीं जिस गुजराती अखबार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह भी एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया फेक स्क्रीनशॉट है। ऐसी कोई खबर संबंधित गुजराती अखबार में प्रकाशित नहीं हुई है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Radheshyam Yadav’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले की ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट लगा हुआ है और इस पोस्ट में आरटीआई के तहत मिली जानकारी के जरिए दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा से पहले 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। पोस्ट में 30 करोड़ रुपये किन मदों में खर्च किए गए, उसकी भी जानकारी दी गई है।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर यूजर्स साकेत गोखले के ट्वीट के स्क्रीशॉट को समान दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

ट्विटर पर साकेत गोखले का यह ट्वीट (आर्काइव लिंक)अभी भी मौजूद है, जिसमें उन्होंने आरटीआई से मिली जानकारी के जरिए दावा किया है कि मोदी के मोरबी विजिट से पहले 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

https://twitter.com/SaketGokhale/status/1598149744307511296

गोखले ने अपने ट्विटर पोस्ट में किसी गुजराती समाचार पत्र में छपी खबर के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया है। ट्विटर यूजर्स दक्ष पटेल ने पेपर के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए इसे ‘गुजरात समाचार’ में छपी खबर बताया है।

https://twitter.com/thedaxpatel/status/1597953978876059649?s=12&t=hsEjE7Dgm2-RcsJA8pXo9Q

हालांकि अब इस ट्वीट को डिलीट किया जा चुका है, जिसके आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है। वायरल पोस्ट में गुजराती अखबार की क्लिप लगी हुई है, जिसे हमने गूगल लेंस की मदद से ट्रांसलेट किया।

गूगल लेंस की मदद से गुजराती समाचारपत्र के वायरल स्क्रीनशॉट का किया गया अनुवाद

विश्वास न्यूज ने न्यूजपेपर की वायरल क्लिप को लेकर गुजरात समाचार के संपादक परीक्षित जोशी से संपर्क किया। ऐसी किसी खबर के गुजरात समाचार में प्रकाशित होने के दावे को खारिज करते हुए जोशी ने कहा, ”यह फेक न्यूज है। गुजरात समाचार ऐसी किसी भी खबर के छापे जाने के दावे का खंडन करता है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ से भी इस दावे का खंडन किया गया है। गुजरात बीजेपी के ट्विटर हैंडल से इस दावे का खंडन करते हुए तृणमूल कांग्रेस को झूठे लोगों की पार्टी बताया गया है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के मोरबी में पुल हादसे में करीब 140 लोगों की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद में अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक भी की थी।

मोरबी पुल हादसे के बाद अहमदाबाद में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Image-PTI)

वायरल पोस्ट में मोरबी स्थानीय प्रशासन की तरफ से खर्च कराए जाने के दावे का जिक्र है। इसलिए विश्वास न्यूज ने मोरबी के जिलाधिकारी जी टी पांड्या से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ”जिलाधिकारी कार्यालय में ऐसा कोई आरटीआई दायर ही नहीं किया गया और जब आरटीआई दायर ही नहीं किया गया तो जवाब देने प्रश्न ही कहां है।” उन्होंने कहा कि यह क्रिएटेड यानी मनगढ़ंत तरीके से तैयार किया गया मामला है। पांड्या ने वायरल पोस्ट में खर्च के आंकड़ों का भी खंडन किया।

गौरतलब है कि गुजरात में दो चरणों के तहत चुनाव हुए हैं। पहले चरण के तहत एक दिसंबर को मतदान हो चुका है और दूसरे चरण के तहत पांच दिसंबर को मतदान हुआ। ऐसे में वायरल दावा चुनावी दुष्प्रचार की श्रेणी में आता है, जिसका मकसद मतदाताओं के मतदान व्यवहार को प्रभावित करना होता है। गुजरात चुनाव के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।

निष्कर्ष: आरटीआई के जवाब के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोरबी यात्रा पर 30 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा फेक और मनगढ़ंत है। मोरबी जिला प्रशासन ने इस दावे का खंडन करते हुए बताया है कि उसकी तरफ से ऐसे किसी आरटीआई का जवाब नहीं दिया गया और साथ ही इस दावे के साथ गुजरात समाचार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट भी फेक और एडिटेड है।

False
Symbols that define nature of fake news
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