दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसिया बर्बरता के पुराने वीडियो को कश्मीर में सेना के जवानों द्वारा राजस्थान के मुस्लिम युवकों की पिटाई का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह दावा गलत है कि संबंधित वीडियो उन राजस्थानी मुस्लिम युवकों का है, जिन्होंने कश्मीर जाकर "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए थे और इसके बाद सेना के जवानों ने उनकी पिटाई की थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह कश्मीर का वीडिया है और इसमें नजर आ रहे युवा राजस्थान मदरसा यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। दावा किया जा रहा है कि ये छात्र कश्मीर घूमने गए थे और वहां जाकर इन्होंने “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए, जिसके बाद सेना के जवानों ने इनकी पिटाई कर डाली।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो का संबंध न तो राजस्थान से है और न ही कश्मीर से। वास्तव में यह वीडियो दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित है, जो सोशल मीडिया पर समय-समय पर गलत और भ्रामक दावों के साथ शेयर होता रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Yashwant Kumar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “राजस्थान मदरसा युनिवर्सिटी के कई मुस्लिम लड़के काश्मीर घुमने गए!
राजस्थान सरकार समझकर वहां जोर-शोर से “पाकिस्तान जिंदाबाद”और भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनने देंगे के नारे लगाने लगे !काश्मीर मे नारे लगाने वाले देशद्रोहियों को भारतीय सैनिकों ने सही तरीके से ट्रिटमेंट किया।”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो में घायल युवकों को राष्ट्रगान गाते हुए देखा और सुना जा सकता है। की-वर्ड सर्च में हमें यह वीडियो टाइम्स ऑफ इंडिया प्लस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मिला, जिसे 29 फरवरी 2020 को दिल्ली दंगों से संबंधित बताकर शेयर किया गया है।
कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इस घटना को दिल्ली दंगों का ही बताया गया है। कानूनी मामलों को कवर करने वाली लाइव लॉ की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट में भी इस घटना की तस्वीरों को साझा किया गया है।
दो फरवरी 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जन गण मन’ वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति की मौत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सीसीटीवी कैमरों की वर्किंग को लेकर शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है। वायरल वीडियो से संबंधित घटना की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस घटना में 23 वर्षीय युवक फैजान की मौत हो गई थी, जो वायरल वीडियो में नजर आ रहा है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने दिल्ली दंगों को कवर करने वाले हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के संवाददाता शुजाउद्दीन से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह वीडियो दिल्ली दंगों के दौरान हुई एक घटना से संबंधित है और यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।” उन्होंने बताया कि इस वीडियो में नजर आ रहे एक लड़के की मौत हो चुकी है।
यह पहली बार नहीं है, जब इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया हो। इससे पहले भी जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की थी, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसिया बर्बरता के पुराने वीडियो को कश्मीर में सेना के जवानों द्वारा राजस्थान के मुस्लिम युवकों की पिटाई का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह दावा गलत है कि संबंधित वीडियो उन राजस्थानी मुस्लिम युवकों का है, जिन्होंने कश्मीर जाकर “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे और इसके बाद सेना के जवानों ने उनकी पिटाई की थी।
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