Fact Check: महिलाओं पर पानी डालने का श्रीलंका का वीडियो, भारत में जारी हिजाब विवाद से जोड़कर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो की पड़ताल में पाया कि यह वीडियो भारत का नहीं, बल्कि श्रीलंका की एक यूनिवर्सिटी का पुराना वीडियो है। अब इसको भारत में चल रहे हिजाब विवाद से जोड़ते हुए फर्जी दावे के साथ वायरल कर दिया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़). देश में चल रहे हिजाब विवाद के बाद से कई तरह की फर्जी और भ्रामक ख़बरें भी वायरल हो गई हैं। इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बुर्क़ा पहने महिलाओं पर कुछ लड़कों द्वारा पानी फेंकते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को भारत के हाल के हालत से जोड़ते हुए यूजर शेयर कर रहे हैं और यह दावा कर रहे हैं कि भारत में चल रहे हिजाब विवाद से जुड़ा हुआ वीडियो है। जब विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो हमने पाया कि यह भारत का नहीं, बल्कि श्रीलंका की एक यूनिवर्सिटी का पुराना वीडियो है। विश्वास न्यूज़ इस वीडियो की इससे पहले भी पड़ताल कर चुका है। इससे पहले इसी वीडियो को कश्मीर का बताते हुए वायरल किया जा रहा था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आपका नया भारत मैं स्वागत है जहा आज एक मजहब की बच्चियों को हिजाब की वजह से परेशान किया जा रहा है सिर्फ इसलिए किया जा रहा की तुम मुसलमान हो । आप इस पर खुश हो रहे हो क्योंकि वह आपकी बच्चियां नही तो याद रखना यह दरिंदे हैवान कल आपकी बच्चों को भी परेशान करेंगे जब आप जागोगे बहुत देर हो चुकी होगी ये आरएसएस के दरिंदे आज सब मर्यादा भूल चुके हैं।’

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को इनविड टूल में अपलोड किया और उसके की फ्रेम्स निकाल कर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। सर्च में हमें यह वीडियो श्रीलंका सन न्यूज़ नाम के फेसबुक पेज पर 24 फरवरी 2019 को अपलोड हुआ मिला। यहाँ वीडियो को अपलोड करते हुए इसे श्रीलंका की यूनिवर्सिटी का बताया गया है।

इस मामले से जुड़ा हमें एक न्यूज़ आर्टिकल भी मिला। इसमें दी गई मालूमात के मुताबिक, यह श्रीलंका की ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में हुई एक रैगिंग का वीडियो है। इस खबर में हमें वायरल वीडियो का लिंक भी मिला। 24 फरवरी 2019 को इसी वेबसाइट के यूट्यूब चैंनल पर वीडियो देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज़ ने सहयोगी संस्थान दैनिक जागरण में आज कल चल रहे बुर्का विवाद को कवर करने वाले रिपोर्टर निमेष हेमंत से सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि हिजाब के समर्थन और उसके खिलाफ प्रदर्शन तो हो रहे हैं, लेकिन इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।

पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमनें पाया की मेरठ के रहने वाले इस यह यूजर के फेसबुक पर ढाई हज़ार से ज़्यादा दोस्त हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो की पड़ताल में पाया कि यह वीडियो भारत का नहीं, बल्कि श्रीलंका की एक यूनिवर्सिटी का पुराना वीडियो है। अब इसको भारत में चल रहे हिजाब विवाद से जोड़ते हुए फर्जी दावे के साथ वायरल कर दिया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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