पीएफआई पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद मुस्लिम बुर्जुग के महाभारत का पाठ किए जाने का दावा भ्रामक है और इसके साथ साझा हो रहा वीडियो 2021 का है। पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संस्थाओं पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक मुस्लिम बुजुर्ग को महाभारत का पाठ करते हुए देखा और सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि पीएफआई पर बैन के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति ने इस तरह की प्रतिक्रिया दी।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो करीब एक साल से अधिक पुराना है और इसका पीएफआई पर लगे प्रतिबंध व उसकी बाद की किसी भी संबंधित घटना से कोई लेना-देना नहीं है।
फेसबुक यूजर ‘एक स्वयंसेवक’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”PFI पर बैन लगने के बाद वक्फ बोर्ड के सदस्यों की सुबह…।”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो में एक मुस्लिम बुजुर्ग को महाभारत का पाठ करते हुए सुना जा सकता है। वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर जी न्यूज की वेबसाइट पर 23 सितंबर की रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘इंटरनेट पर कई बार ऐसे वीडियोज नजर आ जाते हैं, जिन्हें देखकर दिल खुश हो जाता है। बुजुर्ग मुस्लिम शख्स का एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में ये बुजुर्ग महाभारत सीरियल का टाइटल सॉन्ग गाते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है।’
पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने इस वायरल वीडियो को अपनी प्रोफाइल से 20 सितंबर को शेयर किया था, जिसके बाद कई न्यूज पोर्टल ने इसे खबर बनाया।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस वीडियो को 20 सितंबर 2021 को अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की थी।
अनलॉफुल एक्टीविटीज (प्रिवेंशन एक्ट), 1967 के तहत पीएफआई के साथ इससे संबद्ध अन्य संगठनों ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ पर प्रतिबंध लगाया गया है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने जी-न्यूज डिजिटल न्यूजरूम में काम करने वाले पत्रकार से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और कई अन्य इंफ्ल्यूएंशर्स ने भी इस वीडियो को शेयर किया था।
वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 72 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: पीएफआई पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद मुस्लिम बुर्जुग के महाभारत का पाठ किए जाने का दावा भ्रामक है और इसके साथ साझा हो रहा वीडियो 2021 का है। पीएफआई पर केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है।
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