Fact Check: खाने को दूषित करती नौकरानी का यह वीडियो 2011 का है, सांप्रदायिक और गलत दावे से किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। ये वीडियो 2011 की घटना का है। नौकरानी का नाम हसीना नहीं, बल्कि आशा कौशल था। पुराने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से वायरल किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक न्यूज चैनल की क्लिपिंग शेयर की जा रही है। इसके साथ लिखे कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हसीना नाम की एक मुस्लिम नौकरानी हिंदू मालिक के घर के खाने में थूक और पेशाब मिलाती पकड़ी गई।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। वायरल वीडियो 2011 की घटना का है। नौकरानी का नाम हसीना नहीं, बल्कि आशा कौशल था। हमारी पड़ताल में सामने आया है कि पुराने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी फैक्ट चेक के लिए ये दावा मिला है। मधुलिका सनातनी नाम की फेसबुक यूजर ने इस वायरल वीडियो को सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इस वीडियो को गौर से देखा। यह वीडियो असल में न्यूज 24 चैनल की एक न्यूज क्लिप है और इसपर दाहिने साइड में चैनल का लोगो साफ देखा जा सकता है। वीडियो सीसीटीवी फुटेज पर आधारित है। गौर से देखने पर वीडियो में टॉप बैंड के ऊपर तारीख और समय लिखा हुआ दिखा। वीडियो पर 17 अक्टूबर 2011 लिखा हुआ दिखा। यहां से हमें यह संकेत मिले कि यह वीडियो पुराना है, क्योंकि अक्सर सीसीटीवी फुटेज में उसे रिकॉर्ड करने का टाइम और तारीख दी हुई होती है।

इस हिंट के बाद हमने जरूरी कीवर्ड्स से इस वीडियो संग किए जा रहे दावे को इंटरनेट पर खंगाला। हमें आजतक की वेबसाइट पर 17 अक्टूबर 2011 को प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट मिली। इस वीडियो रिपोर्ट में भी हमें वायरल वीडियो देखने को मिला। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमारी अबतक की पड़ताल से ये साबित हो चुका था कि भोपाल की ये घटना 2011 की है और इसका हाल-फिलहाल से कोई लेना-देना नहीं है। अब हमें नौकरानी के नाम और उसके धार्मिक पहचान को लेकर किए जा रहे दावे की पड़ताल करनी थी। हमें 18 अक्टूबर 2011 को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट में भोपाल में नौकरानी द्वारा खाने में पेशाब और थूक मिलाने की घटना को कवर किया गया है। इस रिपोर्ट में नौकरानी का नाम आशा कौशल बताया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमने इस वायरल वीडियो को हमारे सहयोगी नईदुनिया के भोपाल ब्यूरो के क्राइम रिपोर्टर बृजेंद्र संग साझा किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो भोपाल की पुरानी घटना से जुड़ा हुआ है और तब नौकरानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया कि नौकरानी की धार्मिक पहचान को लेकर किया जा रहा दावा गलत है।

यह वीडियो लंबे समय से सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जाता रहा है। विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल दावे की पड़ताल कर चुका है। इस पड़ताल को यहां नीचे विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को फेसबुक पर शेयर करने वाली यूजर मधुलिका सनातनी की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर ने अपनी प्रोफाइल पर जानकारियों को सार्वजनिक नहीं कर रखा है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला है। ये वीडियो 2011 की घटना का है। नौकरानी का नाम हसीना नहीं, बल्कि आशा कौशल था। पुराने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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