Fact Check: ‘लव जिहाद’ मॉड्यूल के खुलासे के दावे के साथ वायरल हो रहा यह वीडियो फेक है

'लव जिहाद' मॉड्यूल के खुलासे के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2016 का है, जब मैनपुरी में काम करने वाली एक महिला पुलिसकर्मी ने सीनियर अधिकारी से तंग आकर उनके खिलाफ शिकायत की थी। इसी वीडियो को एडिट कर उसमें 'लव जिहाद' से संबंधित भड़काऊ और सांप्रदायिक ऑडियो क्लिप को जोड़ते हुए फर्जी दावे से वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: ‘लव जिहाद’ मॉड्यूल के खुलासे के दावे के साथ वायरल हो रहा यह वीडियो फेक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर महिला पुलिसकर्मी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें देश में ‘लव जिहाद’ के मॉड्यूल के बारे में बताते हुए सुना और देखा जा सकता है। वीडियो में महिला पुलिसकर्मी ‘लव जिहाद’ के मामले के बारे में बताते हुए इसके कथित मॉड्यूल के बारे में विस्तार से बता रही है। साथ ही वीडियो की शुरुआत में इसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में देखने और शेयर करने की अपील की जा रही है।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल हो रहा वीडियो फेक निकला। ओरिजिनल वीडियो वास्तव में एक महिला पुलिसकर्मी की शिकायत का है, जिसे उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायत करते हुए बनाया था। 2016 में हुई इस पुरानी घटना के वीडियो को एडिट कर ‘लव जिहाद’ संबंधी ऑडियो को जोड़ते हुए सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Anima Singh‎’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “इस महिला पुलिस की बाते सुनें!देश में इस्लाम किस तरह हावी हो रहा है।”

फेक और सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

पड़ताल

वायरल वीडियो के ऑडियो को सुनने से इसके ओरिजिनल होने का एहसास नहीं होता है। ऑडियो का उतार-चढ़ाव कहीं से भी स्वाभाविक नहीं लगता है, बल्कि इसे किसी स्क्रिप्ट की तरह धाराप्रवाह बोला जा रहा है, जो किसी भी वास्तविक वीडियो (विशेषकर जिसे बिना किसी विशेषज्ञता के बनाया गया है) में संभव नहीं होता है। साथ ही ऑडियो और वीडियो में नजर आ रही महिला पुलिसकर्मी के बोलने के मोमेंटस मैच नहीं कर रहे हैं। इन कुछ शुरुआती अवलोकन के आधार पर इस वीडियो के फेक होने का अनुमान लगाया जा सकता है।

ओरिजिनल वीडियो ढूंढने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के क्री-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पंजाब केसरी टीवी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर 20 दिसंबर 2016 को अपलोड किया हुआ ओरिजिनल वीडियो मिला, जिसमें नजर आ रही महिला पुलिसकर्मी और बैकग्राउंड वही है, जो वायरल वीडियो में नजर आ रहा है।

ओरिजिनल वीडियो का ऑडियो पूरी तरह से अलग है और इसमें नजर आ रही महिला पुलिसकर्मी सीनियर पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत कर रही हैं। कीवर्ड सर्च में uttarpradesh.org की वेबसाइट पर छह साल पहले की रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना की जानकारी दी गई है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल वीडियो को लेकर दैनिक जागरण के प्रभारी दिलीप शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है और वास्तविक घटना भी कई साल पुरानी है। संबंधित मामले में महिला पुलिसकर्मी अपने एसएचओ के खिलाफ शिकायत कर रही है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो पहले भी समान दावे के साथ वायरल हो चुका है, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी। विश्वास न्यूज की पुरानी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो 2016 का है, जब मैनपुरी में काम करने वाली एक महिला पुलिसकर्मी ने सीनियर अधिकारी से तंग आकर उनके खिलाफ शिकायत की थी। इसी वीडियो को एडिट कर उसमें ‘लव जिहाद’ से संबंधित भड़काऊ और सांप्रदायिक ऑडियो क्लिप को जोड़ते हुए फर्जी दावे से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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