दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसिया बर्बरता के पुराने वीडियो को कश्मीर में सेना के द्वारा राजस्थान के मुस्लिम युवकों की पिटाई के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो 2020 में हुए दिल्ली दंगों से संबंधित है, जिसका कश्मीर और राजस्थान से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह कश्मीर में राजस्थान के मुस्लिम युवकों की पिटाई का वीडियो है, क्योंकि उन्होंने वहां जाकर ”पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाए थे और इसकी वजह से सेना के जवानों ने इन युवाओं की पिटाई की।
हमने अपनी जांच में पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत और दुष्प्रचार है। वायरल वीडियो न तो कश्मीर से संबंधित है और न ही राजस्थान से। वास्तव में यह वीडियो दिल्ली दंगों से संबंधित है, जो समय-समय पर समान और भिन्न दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होते रहता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Jainendra Pandey’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”राजस्थान से कई मुसलमान लड़के कश्मीर घूमने गये। वहां जोर शोर से “पाकिस्तान जिंदाबाद” और भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं बनने देंगे के नारे लगाने लगे।
राजस्थान में तो कांग्रेस की पुलिस पूरी छूट देती है, छेड़छाड़, बलात्कार और जिहाद करने की। लेकिन कश्मीर में अब जिहादियों की सरकार नहीं है। वहां पर केंद्र सरकार,पुलिस और सेना को नियंत्रित करती है। देखें वीडियो,
नारा लगाने वाले देशद्रोहियों को भारतीय सैनिकों ने ऐसे ठोका कि उनकी आवाज़ जैसे बंद ही हो गई हो।
जय हिंद.. वंदे मातरम्.. 🚩🚩”
ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
सोशल मीडिया सर्च में यह वीडियो टाइम्स ऑफ इंडिया प्लस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर मिला, जिसे 29 फरवरी 2020 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित है, जब घायल युवकों को कथित तौर पर जबरन राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था।
29 फरवरी 2020 को प्रकाशित अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी इस घटना को दिल्ली दंगों का ही बताया गया है। दिल्ली दंगों को कवर करने वाले दैनिक जागरण के पत्रकार शुजाउद्दीन ने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में दिल्ली दंगों से संबंधित है और इस वीडियो में नजर आ रहे एक लड़के की मौत भी हो गई थी। उन्होंने बताया कि यह मामला फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
यह पहली बार नहीं है, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर भिन्न दावे के साथ वायरल हुआ हो। विश्वास न्यूज कई मौकों पर इस वीडियो की फैक्ट चेक कर चुका है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 2.3 हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली दंगों के दौरान पुलिसिया बर्बरता के पुराने वीडियो को कश्मीर में सेना के द्वारा राजस्थान के मुस्लिम युवकों की पिटाई के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो 2020 में हुए दिल्ली दंगों से संबंधित है, जिसका कश्मीर और राजस्थान से कोई संबंध नहीं है।
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