Fact Check: नेपाल के भारत की जमीन पर कब्जा किए जाने से संबंधित 2018 की पुरानी रिपोर्ट को हाल का बताकर भ्रामक दावे से किया जा रहा है वायरल
भारत की जमीन पर नेपाल के कब्जा किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर करीब तीन साल पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 17, 2021 at 04:22 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर के स्क्रीनशॉट को व्यापक तौर पर अनगिनत यूजर्स की तरफ से साझा किया जा रहा है। खबर में नेपाल के भारत की जमीन पर कब्जा किए जाने का जिक्र है और इस खबर को शेयर किए जाने के समय से ऐसा प्रतीत होता है कि यह रिपोर्ट हाल (एक या दो दिन पहले) की घटना से संबंधित है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही रिपोर्ट करीब तीन साल पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Ranjan Kumar’ ने 16 नवंबर 2021 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”चीन तो चीन…अब तो नेपाल ने भी छप्पन इंची सीना नाप लिया!!! क्या दिन आ गये,अब नेपाल जैसै देश?”
एक अन्य फेसबुक यूजर ‘Varanasi Ki Awaz’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”हेल्लो माननीय मोदी जी, कुछ बोलोगे अब तो? या फिर मुह में फेविकोल चिपका कर बैठे हो
क्या हाल बना रखा है देश का? नेपाल हमारी भारत की 7100 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रहा है और हम देश मे ही आपस मे गधाभक्ति का सर्टिफिकेट बाँट रहे हैं.।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस रिपोर्ट को हालिया बताते हुए समान दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस खबर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
हाल में ऐसी घटी कोई घटना अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिहाज से अपने आप में बड़ी खबर होती, लेकिन न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली।
वायरल पोस्ट में अखबार के फ्रंट पेज की तस्वीर को साझा किया गया है, जिसकी हेडलाइन है- ”भारत की 7100 एकड़ जमीन पर नेपाल का कब्जा; एसएसबी को एक्शन की मनाही, प्रशासन को बोलने की इजाजत नहीं।” इस हेडलाइन से गूगल न्यूज सर्च करने पर हमें bhaskar.com की वेबसाइट पर 14 अगस्त 2018 को समान हेडलाइन से प्रकाशित खबर लगी मिली।
बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकिनगर (सुस्ता) बाइलाइन से लिखी गई रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जिस नेपाल को भारत सरकार ने मित्र मानकर गले से लगा रखा है, उसी मित्र ने बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले की लगभग 7100 एकड़ जमीन पर कब्जा जमा लिया है। ये सिलसिला अब भी तेजी से जारी है। वाल्मीकिनगर में सुस्ता, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल और गोवर्धना में शिवालिक रेंज की पहाड़ियां सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां अवैध कब्जा बढ़ रहा है। यहां पट्टे भी काटे जाने की तैयारी है। इस इलाके के डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवर कहते हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय मसला है, जबकि डीएफओ गौरव ओझा मानते हैं कि जमीन पर अतिक्रमण है। इस स्थिति का फायदा उठाकर लोग दोहरी नागरिकता का लाभ ले रहे हैं। जंगल से करोड़ों रुपए के पेड़ काट दिए गए हैं।’
इससे यह स्पष्ट है कि जिस खबर को हाल की घटना का बताकर शेयर किया जा रहा है, वह वर्ष 2018 से संबंधित है। इस खबर को लेकर हमने बिहार के मुजफ्फरपुर दैनिक भास्कर में काम करने वाले उप-समाचार संपादक अमरेंद्र कुमार से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा, ‘यह रिपोर्ट 2018 में प्रकाशित हुई थी।’ उन्होंने हमें भास्कर की वेबसाइट पर लगी इस खबर का लिंक भी साझा किया, जिसका जिक्र ऊपर किया जा चुका है।
वायरल खबर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को फेसबुक पर करीब 33 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: भारत की जमीन पर नेपाल के कब्जा किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर करीब तीन साल पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : नेपाल ने किया भारत की जमीन पर कब्जा
- Claimed By : FB User-Ranjan Kumar
- Fact Check : भ्रामक
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