विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल मैसेज 2016 से ही इंटरनेट पर घूम रहा है। उस वक्त राजस्थान पुलिस की ओर से इसे अफवाह बताते हुए खंडन किया जा चुका है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक बच्चे की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए दावा किया गया कि यह बच्चा पिछले 45 दिनों से श्रीगंगानगर पुलिस स्टेशन में है। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। इस बच्चे की तस्वीर कई बार पहले भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल हो चुकी है। यह पोस्ट पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। उस वक्त भी राजस्थान के डीजीपी और श्री गंगानगर पुलिस की ओर से भी इसका खंडन किया जा चुका है।
फेसबुक यूजर अराखिता मलिक ने 10 अगस्त को एक कोलाज अपने अकाउंट पर अपलोड किया। इसमें लिखा गया : ‘Yeah baccha Pichle 45 Dino se Ganga Nagar police station mein hai….(BBSR). Pata Nahi Kis ka hai Aur kaha Se hai….Isko Itna share karo ki is Bacchay ko Uske Parents Mil Jaye….Plz Aap is Photo ko Har Ek Group mein send karein.’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर को क्रॉप करके निकाला। फिर इसे यान्डेक्स सर्च के माध्यम से खोजना शुरू किया। बड़ी साइज में यह तस्वीर हमें एक इंस्टाग्राम हैंडल पर मिली। इसे 2 मई 2021 को अपलोड की गई थी। मतलब साफ था कि यह 2021 में भी वायरल हो चुकी है।
विश्वास न्यूज ने एक बार फिर से बच्चे की तस्वीर को खोजना शुरू किया। इस बार गूगल रिवर्स इमेज टूल का सहारा लिया गया। वायरल पोस्ट की तस्वीर हमें 2016 की 31 जुलाई की तारीख में एक फेसबुक पेज पर अपलोड मिली। इस पेज का नाम पाकिस्तान के गुमशुदा बच्चे था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने संबंधित कीवर्ड के आधार पर गूगल ओपन सर्च किया। हमें कई वेबसाइट पर पुरानी खबर मिली। बिजनेस स्टैंडर्ड की 29 मई 2016 की एक खबर में पीटीआई के हवाले से बताया गया कि पाकिस्तान का सात साल का बच्चा तुफैल इस्माइल राजस्थान के श्री गंगानगर में पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह बच्चा 6 जून 2014 को अपने घर से लापता हो गया था। इसी खबर में राजस्थान के तत्कालीन डीजीपी मनोज भट्ट और श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक राहुल कार्तिकेय का भी बयान था। इसमें उन्होंने इसका खंडन करते हुए अफवाह बताया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।
अमर उजाला की वेबसाइट पर भी यह खबर मौजूद है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, राजस्थान के वरिष्ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने इसे फर्जी बताते हुए कहा कि यह मैसेज पहले भी कई बार वायरल हो चुका है।
पड़ताल के अंत में फर्जी मैसेज करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर अराखिता मलिक के 13 सौ से ज्यादा फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल मैसेज 2016 से ही इंटरनेट पर घूम रहा है। उस वक्त राजस्थान पुलिस की ओर से इसे अफवाह बताते हुए खंडन किया जा चुका है।
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