दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल पाकिस्तान की एक पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ भारत में वायरल किया जा रहा है। पाकिस्तान में 2022 में एक बच्चे का अपहरण हुआ था। तस्वीर उसी घटना की है। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स एक पोस्ट को वायरल करते हुए मदद की गुहार लगा रहे हैं। पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर में दो लोगों को एक बच्चे का मुंह दबाकर बाइक से ले जाते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल पाकिस्तान की एक पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ भारत में वायरल किया जा रहा है। पाकिस्तान में 2022 में एक बच्चे का अपहरण हुआ था। तस्वीर उसी घटना की है। इसका भारत से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर संदेश चवन ने 27 मार्च को एक पोस्ट में दावा किया, “इस वीडियो को आगे शेयर करें हो सकता है यह बच्चा मिल जाए और यह दोनों अपहरणकर्ता भी पकड़े जाए हम आ गए इस वीडियो को भेजते रहेंगे नेकी का काम है।”
पोस्ट को भारत की समझकर कई यूजर्स वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल किया। गूगल लेंस की मदद से सर्च करने पर हमें हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर में वायरल वीडियो का ग्रैब मिला। 23 सितंबर 2022 की इस खबर में बतया गया कि बच्चे की अपहरण को लेकर महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे सिटी, ठाणे ग्रामीण और नासिक जिले में अफवाह उड़ी थी। पुलिस जांच में यह अफवाह साबित हुई। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
सर्च के दौरान हमें एक पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल पर वायरल तस्वीर मिली। इस तस्वीर में अल फजल मार्केट और बहरिया टाउन लिखा हुआ नजर आया। 22 मई 2022 के इस ट्वीट में बताया गया कि इस बच्चे का अपहरण बहरिया टाउन से किया गया था। कमेंट में इस तस्वीर को लेकर 28 मई 2022 को लिखा गया कि यह बच्चा मिल गया है। इस तस्वीर को शेयर करना बंद कर दीजिए।
गूगल सर्च से पता चला कि बहरिया टाउन पाकिस्तान में स्थित है।
पड़ताल के दौरान पाकिस्तान की वेबसाइट ट्रिब्यून पर एक खबर मिली। इसमें भी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। 31 मई 2022 को पब्लिश खबर में बताया गया कि बच्चे के अपहरण केस में दो लोगों को अरेस्ट किया गया था। बच्चे की सौतेली दादी ने पैसों के लिए यह करवाया था। पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान के पत्रकार काशिफ लतीफ से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अपहरण का यह केस पुराना है। इसमें कई लोगों को अरेस्ट भी किया गया था।
पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर संदेश चवन को फॉलो करने वालों की संख्या तीन हजार से ज्यादा है। यूजर कोल्हापुर के रहने वाले हैं। यह अकाउंट दिसंबर 2010 को बनाया गया था।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में बच्चे के अपहरण से जुड़ी पोस्ट भ्रामक साबित हुई। 2022 में पाकिस्तान में हुई अपहरण की घटना की तस्वीर को कुछ लोग भारत का समझ कर वायरल कर रहे हैं।
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