उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बंद कमरे में युवक की पिटाई की पुरानी घटना के वीडियो को जौनपुर जिले का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो को शेयर कर रहे हैं, जिसमें कुछ लोगों को एक व्यक्ति की निर्ममतापूर्वक पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रहे व्यक्ति उत्तर प्रदेश के जौनपुर से विधायक विपुल दुबे हैं, जिन्होंने वेतन मांगने पर एक गरीब व्यक्ति को बुरी तरह से पीटा।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो 2002 की पुरानी घटना का है, जो जौनपुर जिले में हुई किसी घटना का नहीं है। संबंधित घटना शाहजहांपुर का है और इसके आरोपी का नाम प्रतीक तिवारी है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो समय-समय पर वायरल होता रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Harish Chandra Gupta’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “विपुल दुबे भाजपा विधायक जौनपुर विधानसभा उत्तर प्रदेश
वेतन मांगने पर एक गरीब घरेलू नौकर को इस तरह पीटा गया
इसे इतना मशहूर कर दो कि ये विधायक सड़कों पर भीख मांगते नजर आए
हरीश सचदेव के WhatsApp Messenger से साभार।”
कई अन्य फेसबुक यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
यह पहली बार नहीं है, जब सोशल मीडिया पर यह वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हुआ हो। इससे पहले इस वीडियो को मध्य प्रदेश के रीवा का बताकर वायरल किया गया था। दावा किया गया था कि कथित कमीशन नहीं देने की वजह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ने रीवा के पंचायत सचिव को बुरी तरह से पीट डाला। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया था। हमने पाया कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुई पुरानी घटना का है, जिसे गलत दावे के साथ वायरल किया गया था। विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर शाहजहांपुर के अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार से संपर्क किया था। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “इस मामले में आरोपी प्रतीक तिवारी समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था और वीडियो में नजर आ रहा कोई भी आरोपी विधायक नहीं था।”
दैनिक जागरण की 16 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है। वायरल वीडियो को लेकर हमने दैनिक जागरण के जौनपुर के ब्यूरो चीफ आनंद चतुर्वेदी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो जौनपुर में हुई घटना का नहीं है और न ही विपुल दुबे का नाम का कोई व्यक्ति जौनपुर से बीजेपी का विधायक है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।
कर्नाटक चुनाव की घोषणा होने के बाद अप्रैल महीना सियासी गतिविधियों से भरा रहा और यही थीम फैक्ट चेक ट्रेंड्स में भी नजर आया। अप्रैल महीने में विश्वास न्यूज ने करीब 150 फैक्ट चेक रिपोर्ट्स प्रकाशित किए और इन रिपोर्ट्स में राजनीतिक विषयों से संबंधित फैक्ट चेक की बहुलता रही। अप्रैल महीने में भारतीय सोशल मीडिया पर मिस-इन्फॉर्मेशन के ट्रेंड्स को समझने के लिए विश्वास न्यूज की इस विशेष रिपोर्ट को पढ़ें।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बंद कमरे में युवक की पिटाई की पुरानी घटना के वीडियो को जौनपुर जिले का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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