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Fact Check: उत्तराखंड में बादल फटने की घटना की पुरानी तस्वीर जम्मू के किश्तवाड़ के नाम से हो रही वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2016 में उत्तराखंड में बादल फटने की एक पुरानी घटना की है। इसका जम्मू के किश्तवाड़ की हालिया आपदा से कोई लेना-देना नहीं है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Jul 29, 2021 at 06:55 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली) । सोशल मीडिया पर बाढ़ से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल तस्वीर जम्मू के किश्तवाड़ में हालिया बादल फटने की घटना से जुड़ी हुई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2016 में उत्तराखंड में बादल फटने की एक पुरानी घटना की है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Rj Aqib ने Kashmir News नाम के फेसबुक ग्रुप में वायरल तस्वीर शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है कि किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। पोस्ट में बताया गया है कि 4 लोगों के शरीर बरामद कर लिए गए हैं। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर संग किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले किश्तवाड़ के बारे में इंटरनेट पर ओपन सर्च किया। जरूरी कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें हमारे सहयोगी दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 28 जुलाई 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किश्तवाड़ के डच्चन तहसील में बादल फटने की घटना के बाद 14 लोग लापता हैं। 14 लोगों को बचाया गया है, जिनमें 5 की हालत गंभीर है। इसके अलावा अबतक 7 शव निकाले जा चुके हैं। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमने अपनी पड़ताल के दौरान यह जानना चाहा कि क्या वायरल तस्वीर किश्तवाड़ की हालिया घटना से जुड़ी हुई है या नहीं। इसे जानने के लिए हमने तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस तस्वीर से जुड़े कई परिणाम मिले। हमें डीएनए की वेबसाइट पर 2 जुलाई 2016 की एक रिपोर्ट में वायरल तस्वीर मिली। इस तस्वीर पर हमें न्यूज एजेंसी एएनआई का लोगो दिखा। इस रिपोर्ट में उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद चमोली और पिथौरागढ़ में आई बाढ़ के बारे में बताया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसके बाद हमने उत्तराखंड में 2016 में आई इस त्रासदी को इंटरनेट पर सर्च किया। हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 1 जुलाई 2016 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर मिली। इस रिपोर्ट में भी इसे तब उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद की स्थिति के रूप में दिखाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वहां अलकनंदा जमीन का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ गई थी। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

2016 की उत्तराखंड त्रासदी पर दैनिक जागरण की रिपोर्ट।

अबतक की पड़ताल से मिले क्लू के आधार पर हमने इस मामले को ट्विटर पर एडवांस सर्च टूल से तलाशा। हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 1 जुलाई 2016 को किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में पोस्ट की गईं दो तस्वीरों मे से एक वही वायरल तस्वीर है, जिसे अभी किश्तवाड़ का बताया जा रहा है। 5 साल से अधिक पुराने इस ट्वीट में बताया गया है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटना के बाद अलकनंदा नदी का पानी खतरे के निशान के ऊपर बहने लगा। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमने इस मामले में और ज्यादा जानकारी के लिए हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के जम्मू के प्रभारी रिपोर्टर राहुल शर्मा से संपर्क किया। हमने उनके साथ वायरल तस्वीर और इसके संग किया जा रहा दावा शेयर किया। हिमांशु शर्मा ने बताया कि यह तस्वीर किश्तवाड़ की हालिया घटना से जुड़ी हुई नहीं है। उन्होंने किश्तवाड़ में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की कुछ तस्वीरों को हमारे साथ शेयर भी किया, जिन्हें यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Rj Aqib की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर बारामुला के रहने वाले हैं और फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 1035 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2016 में उत्तराखंड में बादल फटने की एक पुरानी घटना की है। इसका जम्मू के किश्तवाड़ की हालिया आपदा से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : वायरल तस्वीर जम्मू के किश्तवाड़ में हालिया बादल फटने की घटना से जुड़ी हुई है।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर Rj Aqib
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