Fact Check: 2018 में श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य से मिलकर राहुल ने लिया था आशीर्वाद, पुरानी तस्वीर दुष्प्रचार की मंशा के साथ गलत दावे से वायरल
2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था। उनकी इसी पुरानी तस्वीर को 'भारत जोड़ो' यात्रा के बीच हाल का बताकर गलत दावे के साथ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 20, 2022 at 05:54 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के बीच सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उनके श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य से मिलने की है और इस दौरान शंकराचार्य ने राहुल गांधी को आशीर्वाद देने से इनकार कर दिया।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रही तस्वीर 2018 की है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है। वहीं, यह दावा गलत है कि मुलाकात के दौरान श्रृंगेरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य ने उन्हें आशीर्वाद देने से मना कर दिया था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘विजयनाथ जी महाराज’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने राहुल गांधी को आशीर्वाद देने से किया इनकार !*श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने राहुल और सिद्धरमैय्या (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) को आशीर्वाद देने से किया इनकार !जगदगुरु ने कहा “आप मठ में आए हैं, धन्यवाद। लेकिन, आप जो कुछ कर रहे हैं, उसके बाद हम आपको आशीर्वाद तो नहीं दे सकते । “
बैठक के समय जगदगुरु ने राहुल और सिद्धरमैय्या से कहा कि यदि आप हिंदू धर्म के प्रति असहिष्णुता रखते हैं, तो कृपया हिंदू धर्म से दूर ही रहें, बजाय इसके कि आप अपने कार्यों से हिंदू धर्म के अन्दर बैमनस्य पैदा करें । हिंदू मठ और मंदिरों ने क्या गलत किया है, जो मंदिरों का प्रबंध सरकार ने अपने हाथों में लिया है | इतना ही नहीं तो चढोतरी के रूप में आने वाले धन की राशि से मंदिरों का पुनर्निर्माण करने के स्थान पर दूसरे धर्म के कल्याण के लिए वही धन खर्च किया जाता है | यह स्वीकार्य नहीं है | जगदगुरु ने उन दोनों से दो टूक कहा कि, “यह अच्छा है कि आप हमारे मठ में पधारे, लेकिन आप जिस प्रकार हिंदू-विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं, हम आपको आशीर्वाद प्रदान नहीं कर सकते हैं। “
दोनों राजनेताओं को जगदगुरु से ऐसी तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। दोनों बेहद सकपका गए और बैठक से निकलने के बाद इस उधेड़बुन में लग गए कि जगदगुरु की प्रतिक्रिया मीडिया तक पहुंचने से कैसे रोकी जाये ।
मठ से जुड़े हुए सभी भक्तगण व कर्मचारी जगदगुरु की प्रतिक्रिया जानकर आनंद से झूम उठे और सबने अविलम्ब इसे हर स्तर पर साझा किया ।”
पड़ताल
पोस्ट को शेयर किए जाने की तारीख से यह प्रतीत हो रहा है कि यह हाल की तस्वीर है। न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और इस यात्रा के तहत राहुल गांधी 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। फिलहाल राहुल गांधी अपनी इस यात्रा के तहत दक्षिण के राज्यों में यात्रा कर रहे हैं। न्यूज सर्च में भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य से मुलाकात का जिक्र हो।
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह कई पुरानी रिपोर्ट्स में लगी मिली। बिजनेस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर 22 मार्च 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल तस्वीर नजर आ रही है।
रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर चिकमंगलूर की है, जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच तत्कालीन कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने श्रृंगेरी मठ जाकर जगद्गुरु शंकराचार्य से मुलाकात की थी। कर्नाटक कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल से भी इस मुलाकात की कई अन्य तस्वीरों को साझा किया गया है।
राहुल गांधी की शंकराचार्य से यह मुलाकात जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान हुई थी। स्थानीय कन्नड़ भाषी न्यूज पोर्टल ने भी राहुल गांधी की इस मुलाकात को प्रमुखता से कवर किया था। vijaykarnataka.com की 28 मार्च 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट की हेडलाइन ”ಶೃಂಗೇರಿ ಸ್ವಾಮೀಜಿ ಆಶೀರ್ವಾದ ಪಡೆದ ರಾಹುಲ್, ಸಿದ್ದರಾಮಯ್ಯ” (हिंदी में- राहुल, सिद्धारमैया को मिला श्रृंगेरी स्वामीजी का आशीर्वाद) में ही राहुल और सिद्धारमैया को स्वामीजी के आशीर्वाद मिलने का जिक्र है।
कई कन्नड़ भाषी न्यूज चैनलों ने राहुल गांधी और श्रृंगेरी के शंकराचार्य की मुलाकात की खबर को प्रमुखता से कवर किया है।
mangalorean.com की रिपोर्ट में साफ-साफ इस बात का जिक्र है कि राहुल गांधी ने मठ के संत भारती तीर्थ स्वामीजी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया और इसके बाद उन्होंने मंदिर के प्रांगण में मौजूद तालाब में मछलियों को दाने खिलाए।
किसी भी राष्ट्रीय या स्थानीय न्यूज रिपोर्ट में ऐसी कोई सूचना या खबर नहीं मिली, जिसमें वायरल पोस्ट में किए गए दावे का जिक्र हो। वायरल पोस्ट को लेकर हमने एनडीटीवी के बेंगलुरु के संवाददाता निहाल किदवई से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि राहुल गांधी को श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य का आशीर्वाद नहीं मिला और दूसरा कि यह तस्वीर आज की नहीं, बल्कि 2018 की है।
निष्कर्ष: 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था। उनकी इसी पुरानी तस्वीर को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के बीच हाल का बताकर गलत दावे के साथ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने राहुल गांधी को आशीर्वाद देने से किया इनकार।
- Claimed By : FB User-विजयनाथ जी महाराज
- Fact Check : झूठ
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