मुस्लिमों के पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान का पाठ पूरा कर हाफिज-ए-कुरान बने पित्रा और पुत्री की तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम व्यक्ति और बच्ची की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर एक मुस्लिम पिता की है, जिसने अपनी नौ साल की बेटी से शादी कर ली। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और समुदाय विशेष के खिलाफ दुष्प्रचार का मामला निकला। इससे पहले भी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर समान दावे के साथ वायरल हो चुकी है।
हमने अपनी जांच में पाया कि तस्वीर में नजर आ रहे मुस्लिम व्यक्ति और लड़की पति-पत्नी नहीं, बल्कि पिता-पुत्री हैं, जिन्होंने एक ही साथ अपने धार्मिक ग्रंथ कुरान का पाठ खत्म किया था।
सोशल मीडिया यूजर ‘Abhay Thakur Rajawat’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”9 साल की बेटी को बीबी मानने वाले और 9 साल की बेटी को देवी मानने वाले कभी भाई-भाई नहीं हो सकते हैं!”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है।
वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर www.islamicboard.com की वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट में लगी मिली।
रिपोर्ट में उन बच्चियों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन्होंने कुरान का पाठ पूरा कर लिया है। वायरल तस्वीर भी इसी प्रकरण से संबंधित है, जिसमें नजर आ रहे व्यक्ति और लड़की पिता-पुत्री हैं और एक साथ कुरान का पाठ पूरा कर वह दोनों हाफिज-ए-कुरान बन गए। यह तस्वीर उसी मौके की है।
सर्च में हमें यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी मिली, जिसे समान दाव के साथ साझा किया गया है। 23 सितंबर 2018 को ‘ISLAM’ पेज से भी इस तस्वीर को साझा किया गया है। तस्वीर को साझा करते हुए बताया गया है कि इसमें दोनों को पिता और पुत्री बताते हुए उनके एक साथ कुरान का पाठ पूरा किए जाने का जिक्र है।
वर्ष 2016 में फेसबुक पर कई प्रोफाइल से इस तस्वीर को समान दावे के साथ साझा किया गया है और सभी में इसे हाफिज-ए-कुरान बने पिता और पुत्री की तस्वीर बताया गया है।
हालांकि, विश्वास न्यूज इन दोनों की स्वतंत्र पहचान की पुष्टि नहीं करता है लेकिन यह स्पष्ट है कि तस्वीर में नजर आ रहे दोनों पिता-पुत्री हैं, जो एक साथ कुरान का पाठ कर हाफिज-ए-कुरान बनने में सफल रहे थे।
हमने इस तस्वीर को लेकर इस्लामिक मामलों के जानकार सगीर अहमद से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘हाफिज-ए-कुरान का मतलब है कि संबंधित व्यक्ति ने पवित्र ग्रंथ को पूरी तरह से याद कर लिया है। इसे पूरा करने में कुछ महीनों से सालों तक का समय लग सकता है।’
वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर मई 2021 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: कुरान का पाठ पूरा कर हाफिज-ए-कुरान बने पिता और पुत्री की तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
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