Fact Check: जम्मू-कश्मीर के उरी में गुर्जर बकरवाल समुदाय के कार्यक्रम को PoK का बताकर किया जा रहा शेयर

जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी में गुर्जर बकरवाल समुदाय के कार्यक्रम वाले  वीडियो को पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में भारत के समर्थन में हुए कार्यक्रम के गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्नास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ लोगों के समूह को भारत और देश की सेना के समर्थन में सार्वजनिक रूप से संकल्प लेते हुए देखा और सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) का है, जहां के निवासी भारत के समर्थन में सार्वजनिक रूप से शपथ ले रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो कहीं से भी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) से संबंधित नहीं है। इस वीडियो में नजर आ रहे लोग भारतीय हैं और यह कार्यक्रम बारामूला जिले के उरी का है, जहां गुर्जर बकरवाल समुदाय के लोगों ने अपनी अनुसूचित जनजाति की स्थिति की सुरक्षा के संबंध में अपने संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया था।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Lekhraj Jadli’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “*और कितने अच्छे दिन चाहिए**पीओके को वापस पाने का सबसे अच्छा समय**पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) (बकर दीवार) के लोग सार्वजनिक रूप से भारत और हमारी सेना का समर्थन करने की कसम खाते हुए**जो 70 वर्षों तक संभव नहीं था वह अब हो रहा है क्योंकि ⁦मोदी है तो मुमकिन है !!!!!!!*”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो में लोगों को गुर्जर बकरवाल समुदाय, कश्मीर, उरी, बारामूला आदि का जिक्र करते हुए सुना जा सकता है, जिससे इस कार्यक्रम के भारत में आयोजित होने का संकेत मिलता है।

वायरल वीडियो के आधार पर की-वर्ड सर्च में हमें ‘Gurjar Bakarwal’ नामक एक्स पेज पर यह वीडियो मिला, जिसे 19 अगस्त 2023 को शेयर किया गया है और इसे शेयर करते हुए राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय के एक्स  हैंडल को टैग किया गया है।

एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा गया है, “जम्मू-कश्मीर के गुर्जर बकरवाल अपनी अनुसूचित जनजाति की स्थिति की सुरक्षा के संबंध में अपने संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित रखने का संकल्प ले रहे हैं। उन्होंने सशस्त्र बलों के साथ देश को दुश्मनों से बचाने का संकल्प भी लिया।”

हमें यही वीडियो ‘Choudhary Nawaab official’ नाम के फेसबुक पेज पर भी लगा मिला।  

वीडियो को कश्मीर के जनजातियों के शपथ समारोह का बताया गया है, जिसमें अगड़ी जातियों को जनजातियों का दर्जा दिए जाने का विरोध किया गया है।

हमने वॉट्सऐप  के जरिए चौधरी नवाब नजीर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो बारामूला के उरी का है और वे भी इस कार्यक्रम में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे गुज्जर महासभा और ऑल ट्राइबल को-ऑर्डिनेशन कमेटी , कश्मीर के चेयरमैन हैं और यह कार्यक्रम उनका और रफीक बलोटे का था। रफीक बलोटे, बीडीसी के चेयरमैन हैं।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, रफीक बलोटे, ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल, उरी के चेयरमैन हैं।

वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।  चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी में गुर्जर बकरवाल समुदाय के कार्यक्रम वाले  वीडियो को पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में भारत के समर्थन में हुए कार्यक्रम के गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट