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Fact Check: इस पुरानी तस्वीर का लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं, झूठा दावा हो रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। 2019 में अल्जीरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति के खिलाफ हुए प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीर को कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ हुआ प्रदर्शन का बताया जा रहा है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Apr 24, 2021 at 06:56 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक प्रदर्शन की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि यह कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ विदेश में हुए प्रदर्शन की तस्वीर है। इस फोटो के माध्यम से भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच किए जा रहे सख्त उपायों पर तंज कसा जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। 2019 में अल्जीरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति के खिलाफ हुए प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

आपको बता दें कि भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीच अलग-अलग राज्य सरकारें पब्लिक मूवमेंट पर अलग-अलग प्रकार की रोक लगा कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की कोशिश कर रही हैं।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर आशीष सिंह ने वायरल तस्वीर 23 अप्रैल 2021 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘विदेशों में इस तरह लॉकडाउन का बहिष्कार हो रहा है और यहां तो लॉकडाउन का इंतजार हो रहा है,भगवान मालिक है सब राम भरोसे चल रहा है।’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर पर सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें dubawa.org पर 20 नवंबर 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह तस्वीर अल्जीरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति की सत्ता के खिलाफ फरवरी 2019 में शुरू हुए प्रदर्शन से जुड़ी है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इस रिपोर्ट से मिले क्लू के आधार पर हमने इस तस्वीर के बारे में इंटरनेट पर और सर्च किया। हमें यह तस्वीर islam21c.com पर 13 मार्च 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी मिली। इस पुरानी रिपोर्ट में भी इसे फरवरी 2019 में अल्जीरिया में शुरू हुआ आंदोलन (अल्जीरियन स्प्रिंग) से जुड़ी तस्वीर बताया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से यह साबित हो चुका था कि यह तस्वीर दुनिया में कोविड-19 के संक्रमण का पहला मामला रिपोर्ट (दिसंबर 2019) होने से पहले से इंटरनेट पर मौजूद है। इसका संबंध कोरोना लॉकडाउन से नहीं, बल्कि अल्जीरिया में हुए राजनीतिक आंदोलन से है। विश्वास न्यूज ने इस संबंध में और पुष्टि के लिए वायरल तस्वीर को अल्जीरिया के मामलों को रिपोर्ट करने वाले न्यूज ऑर्गनाइजेशन अल्जीरिया टुडे के साथ साझा किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि यह तस्वीर अल्जीरिया में 2019 में हुए हीरक आंदोलन (सत्ता परिवर्तन के लिए हुए आंदोलन का एक नाम) के दौरान ली गई है। इसका कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर आशीष सिंह की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर ने अपनी प्रोफाइल पर अपने बारे में जानकारियों को पब्लिक नहीं किया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। 2019 में अल्जीरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति के खिलाफ हुए प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीर को कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ हुआ प्रदर्शन का बताया जा रहा है।

  • Claim Review : यह कोरोना लॉकडाउन के खिलाफ विदेश में हुए प्रदर्शन की तस्वीर है।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर आशीष सिंह
  • Fact Check : झूठ
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