Fact Check: देश से भगाए जाने में मदद किए जाने संबंधी नीरव मोदी का मनगढ़ंत बयान फिर से वायरल

लंदन की एक अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया कि देश से भगाने में बीजेपी के नेताओं ने उनकी मदद की और इसके बदले में उन्होंने उन नेताओं को कमीशन के तौर पर सैकड़ों करोड़ रुपये दिए। नीरव मोदी का यह बयान फर्जी और मनगढ़ंत है। नीरव मोदी ने लंदन के किसी कोर्ट में अबतक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

Fact Check: देश से भगाए जाने में मदद किए जाने संबंधी नीरव मोदी का मनगढ़ंत बयान फिर से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से भगोड़े कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि उन्होंने लंदन की कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बयान दिया है कि बीजेपी के नेताओं ने उन्हें देश छोड़ने में मदद की और इसके लिए उन्होंने पार्टी के नेताओं को सैकड़ों करोड़ रुपये की रिश्वत भी दी।

हमने अपनी जांच में पाया कि नीरव मोदी के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फर्जी और मनगढ़ंत है। आम तौर पर चुनावों के दौरान नीरव मोदी के नाम से यह बयान सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग मल्टीमीडिया फॉर्मेट में वायरल होता रहा है।

क्या है वायरल?

मध्य प्रदेश के बैतूल से कांग्रेस के विधायक नियल देगा ने अपनी आधिकारिक और वेरिफाइड प्रोफाइल से एक वीडियो (आर्काइव लिंक)को शेयर किया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि नीरव मोदी ने लंदन की कोर्ट में यह बयान दिया है कि उन्हें देश से भगाए जाने में बीजेपी के नेताओं ने मदद की और इसके बदले में उन्होंने कुछ नेताओं को 456 करोड़ रुपये की कथित राशि बतौर कमीशन दी।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इस वीडियो को देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल दावे की कई अलग-अलग मौकों पर पड़ताल कर चुका है। सबसे पहले इस वायरल दावे की पड़ताल अप्रैल 2019 में की गई थी और हमने अपनी जांच में पाया था कि उनके नाम से वायरल हो रहा बयान फर्जी और मनगढ़ंत है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने लंदन की कोर्ट में पेशी के दौरान अपने नाम और आयु की जानकारी देते हुए प्रत्यर्पण नहीं किए जाने की गुहार लगाई थी।

उन्होंने सुनवाई के दौरान बीजेपी नेताओं को कमीशन दिए जाने या भगाए जाने में मदद दिए जाने संबंधी कोई बयान नहीं दिया था। सुनवाई के दौरान नीरव मोदी के वकील ने कोर्ट को यह जरूर बताया था कि उनके क्लाइंट पर लगे सभी आरोप (वित्तीय धोखाधड़ी) गलत और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।

वायरल दावे की पड़ताल करती विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

इसके बाद यह दावा समय-समय पर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग मल्टीमीडिया फॉर्मेट में वायरल होता रहा है। 2021 में दो अलग-अलग मौकों पर यह बयान वायरल हुआ था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को क्रमश: यहां और यहां क्लिक पर पढ़ा जा सकता है।

2021 के बाद नीरव मोदी मामले में कई सारी गतिविधियां हो चुकी है। न्यूज सर्च में सबसे ताजा रिपोर्ट हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। 22 सितंबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने नीरव मोदी की हांगकांग की कंपनी के 253 करोड़ रुपये के आभूषण और बैंक जमा को जब्त किया और इसके साथ ही अब भगोड़े कारोबारी नीवर मोदी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने कुल 2,650.07 करोड़ रुपये के मूल्य की संपत्ति को जब्त कर लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है और वह भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मुकदमे को हार चुके हैं। मोदी पंजाब नेशनल बैंक में 2 अरब डॉलर के घोटाले के आरोपी हैं और सीबीआई भी उनके मामले की जांच कर रही हैं।

कानूनी मामलों को कवर करने वाली वेबसाइट लाइव लॉ पर नीरव मोदी से संबंधित सबसे हालिया रिपोर्ट 25 फरवरी 2021 की है, जिसमें लंदन की कोर्ट के मोदी के भारत प्रत्यर्पण की याचिका को खारिज किए जाने का जिक्र है।

इसके बाद सर्च में 14 दिसंबर 2021 की एक और रिपोर्ट मिली। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन की हाई कोर्ट ने मानसिक सेहत के आधार पर भारत प्रत्यर्पित किए जाने की नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई की।

किसी भी रिपोर्ट में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें वायरल बयान का जिक्र हो। वायरल बयान को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान लंदन की कोर्ट में नहीं दिया है। ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की याचिका को मंजूरी दे दी है और उनके पास इस फैसले के खिलाफ अपील का विकल्प है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को बागपत निवासी बताया है।

निष्कर्ष: लंदन की एक अदालत में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया कि देश से भगाने में बीजेपी के नेताओं ने उनकी मदद की और इसके बदले में उन्होंने उन नेताओं को कमीशन के तौर पर सैकड़ों करोड़ रुपये दिए। नीरव मोदी का यह बयान फर्जी और मनगढ़ंत है। नीरव मोदी ने लंदन के किसी कोर्ट में अबतक ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट