Fact Check: 2006 के निकाय चुनाव से संबंधित मायावती के बयान की एडिटेड क्लिप को गलत दावे के साथ किया जा रहा वायरल

2006 के उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के रणनीतिक वोटिंग के बयान के आधे-अधूरे क्लिप को गलत संदर्भ में हालिया निकाय चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: 2006 के निकाय चुनाव से संबंधित मायावती के बयान की एडिटेड क्लिप को गलत दावे के साथ किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और इसी संदर्भ में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें ‘कट्टरपंथी’ मुस्लिम समूहों की वजह से किसी उम्मीदवार के चुनाव जीतने की आशंका का जिक्र करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट ट्रांसफर कराए जाने का दावा करते हुए सुना जा सकता है।

वायरल वीडियो वास्तव में 2006 में हुए स्थानीय निकाय चुनावों का है, जिसे हालिया निकाय चुनाव से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। मायावती के इस बयान का संदर्भ बिलकुल अलग था। वास्तव में समुदाय विशेष के मतों के ध्रुवीकरण को देखते हुए उन्होंने अपनी पार्टी की उम्मीदवार की हार की आशंका के मद्देनजर पार्टी के मतों को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को ट्रांसफर कराने के लिए कहा था। मायावती के करीब 17 साल पुराने बयान के इसी एडिटेड क्लिप को भ्रामक संदर्भ में हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Arman Malik’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है। विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

विश्वास न्यूज की टिपलाइन पर भेजा गया वीडियो

पड़ताल

वायरल वीडियो में हिंदी न्यूज चैनल एबीपी का लोगो नजर आ रहा है और इसमें मायावती को अपनी पार्टी के मतों का ट्रांसफर कराए जाने के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। की-वर्ड सर्च में हमें ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की वेबसाइट पर 11 मई 2006 की रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने शुक्रवार को दिन में दो प्रेस कॉन्फ्रेंस की और निकाय चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को रणनीतिक समर्थन दिए जाने और कैसे मेरठ में कट्टरपंथी हाजी याकूब कुरैशी की योजना पर पानी फेर दिया गया, के बारे में बताया।

हिंदुस्तान टाइम्स की 2016 की रिपोर्ट

इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ा क्योंकि कुछ टीवी चैनलों ने ‘मुस्लिमों पर उनकी टिप्पणी’ के खिलाफ प्रदर्शन की खबरों को चलाना शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया, “मेरठ में बीजेपी उम्मीदवार मधु और यूडीएफ उम्मीदवार संजीदा (तत्कालीन राज्य मंत्री हाजी याकूब कुरैशी) के बीच लड़ाई थी, जो आखिरकार हिंदू-मुस्लिम में बदल गई। हाजी ने बीएसपी को छोड़कर कट्टरपंथी एजेंडे को हवा दी। सामान्य तौर पर मुस्लिम ऐसे उम्मीदवारों को पंसद करते हैं। वहीं दूसरी तरफ बीएसपी समर्थित उम्मीदवार का ऐसा कोई रुझान नहीं था। इसलिए कट्टरपंथी उम्मीदवार (कुरैशी की पत्नी) को हराने के लिए बीएसपी ने अपना वोट बीजेपी को ट्रांसफर कराए जाने का फैसला लिया।”

सोशल मीडिया सर्च में एबीपी न्यूज की आधिकारिक फेसबुक प्रोफाइल पर छह फरवरी 2017 को अपलोड किया हुआ वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें वायरल वीडियो के लंबे वर्जन को देखा जा सकता है। एबीपी ने अपनी जांच में यह बताया कि वायरल वीडियो क्लिप 10 नवंबर 2006 का है, जब मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था।

एबीपी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर अपलोड किया हुआ वीडियो बुलेटिन, जो वायरल वीडियो क्लिप के संदर्भ को स्पष्ट करता है।

इस वीडियो में उन्हें यह साफ-साफ कहते हुए सुना जा सकता है, “……..आप ये देखेंगे कि मेरठ में पहले हमारा मेयर था, लेकिन इस बार हम क्यों नहीं जीत सके? क्योंकि उस सीट के ऊपर हिंदू-मुस्लिम हो गया….और खास तौर से आप लोगों को मालूम है कि मुस्लिम समाज के वैसे लोगों को ज्यादा लाइक करते हैं, जो कट्टरपंथी होता है। तो हमारी पार्टी की जो कैंडिडेट थी, वो भी मुस्लिम थी, लेकिन जो हमारी पार्टी को छोड़कर गया था, जो सिटिंग एमएलए था, उसने अपनी औरत को खड़ा कर दिया…..वो आपको मालूम है कि उसने कैसे उल्टे-सीधे कट्टरपंथी वाले बयान दिए थे, तो उससे मुसलमान सारा एक हो गया तो उसकी औरत चुनाव जीत सकती थी। हमारी पार्टी की जो कैंडिडेट थी, वह कट्टरपंथी नहीं थी…तो मैंने सोचा कि कहीं ऐसा न हो कि कट्टरपंथी मुस्लिम की वजह से इसकी औरत चुनाव न जीत जाए तो मैंने उसको बोला कि बीजेपी को वोट ट्रांसफर कर दो।”

हमारी जांच से स्पष्ट है कि मायावती का वायरल वीडियो क्लिप 2006 के तत्कालीन यूपी स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान का है, जिसमें उन्होंने बीएसपी के रणनीतिक वोटिंग पैटर्न के बारे में फैसला किया था। उनका यह बयान किसी समुदाय विशेष के खिलाफ न होकर, व्यक्ति विशेष के खिलाफ था।

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने लखनऊ स्थित राजनीतिक विश्लेषक सिद्धार्थ कलहंस से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि यह बयान पुराना है और इसका हालिया निकाय चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा 9 अप्रैल 2023 को की गई थी, जिसके लिए मतदान दो चरणों में 4 और 11 मई को हुए थे। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, इस चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा और उसने 17 नगर निगमों की मेयर सीट पर एकतरफा कब्जा करते हुए नगर पालिक परिषद और नगर पंचायतों में भी विपक्षी दलों को काफी पीछे छोड़ दिया।

चुनाव से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के चुनावी फैक्ट-चेक में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: 2006 के उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के रणनीतिक वोटिंग के बयान के आधे-अधूरे क्लिप को गलत संदर्भ में हालिया निकाय चुनाव से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

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