अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के मंदिर पर विवादास्पद बयान के दावे के साथ वायरल क्लिप वर्ष 2012 का है, जिसे हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जनवरी में होने वाले राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले सोशल मीडिया पर इससे संबंधित मिस-इन्फॉर्मेशन का सिलसिला जारी है। इसी संदर्भ में एक वीडियो क्लिप को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने राम मंदिर को लेकर विवादास्पद बयान दिया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल हो रहा दावा भ्रामक निकला। मंदिर के संदर्भ में दिया गया जयराम रमेश का वायरल बयान पुराना करीब दस साल से अधिक पुराना है, जिसे राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Vinay Puri – राष्ट्र योद्धा न्यूज़’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “”मंदिर से भी पवित्र है शौचालय” – ये जयराम रमेश हैं कांग्रेस के। ये खुद अपनी लंका लगा रहे हैं और दोष दूसरों को देते हैं।
अगर आप सच्चे सनातनी हैं तो कैसे वोट देंगे ऐसी पार्टी को जो हमारे मंदिरों पर ऐसी शर्मनाक टिप्पणी कर रहा है?”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान संदर्भ में शेयर किया है।
वायरल वीडियो क्लिप 12 सेकेंड का है, जिसमें जयराम रमेश को कहते हुए सुना जा सकता है, “……..जो मैं समझता हूं….मंदिर से भी पवित्र है….वह है शौचालय।” वीडियो क्लिप पर 20.12.2023 की तारीख लिखी हुई, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि यह वीडियो क्लिप रमेश का हालिया बयान है।
वायरल वीडियो में जयराम रमेश के बयान के आधार पर की-वर्ड सर्च करने पर हमें कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें उनके इस विवादास्पद बयान का जिक्र है।
एनडीटीवी की सात अक्टूबर 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक, “जयराम रमेश के शौचालय और मंदिर वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।” रिपोर्ट में जयराम रमेश के हवाले से उस बयान का जिक्र भी है, जिसमें उन्होंने कहा था, “मेरे मुताबिक शौचालय मंदिर से ज्यादा अहम हैं।”
अन्य रिपोर्ट्स से भी इसकी पुष्टि होती है। इंडिया टुडे की सात अक्टूबर 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी ने ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के विवादास्पद बयान पर निशाना साधा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने रमेश के इस बयान से किनारा करते हुए सभी धर्मों के सम्मान की बात कही है।
एबीपी न्यूज के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मौजूद 11 साल पुराने वीडियो बुलेटिन में रमेश के इस बयान को देखा और सुना जा सकता है।
वायरल वीडियो क्लिप को लेकर विश्वास न्यूज ने उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करने वाली और उन्हें साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि पुराने बयानों को इस तरह से पेश करना कुछ नहीं विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश है।
इससे पहले एक अन्य वायरल दावे में अयोध्या में राम मंदिर समारोह के दौरान फूल फेंकने पर दलित लड़के की पिटाई के दावे के साथ एक वीडियो को वायरल किया गया था, जो हमारी जांच में गलत साबित हुआ। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
अयोध्या में राम मंदिर से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है। वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब आठ हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के मंदिर पर विवादास्पद बयान के दावे के साथ वायरल क्लिप वर्ष 2012 का है, जिसे हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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