Fact Check: शाहजहांपुर में धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की घटना को भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा वायरल
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मस्जिद के अंदर धार्मिक ग्रंथ को आग लगाए जाने की घटना में गिरफ्तार किया गया आरोपी मुस्लिम समुदाय का ही है, न कि किसी दूसरे समुदाय का। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी ताज मोहम्मद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो फिलहाल जेल में ही बंद है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 10, 2022 at 03:50 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भड़काऊ दावे के साथ वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में समुदाय विशेष के एक व्यक्ति ने धार्मिक स्थल के भीतर दूसरे समुदाय के धर्मग्रंथ को आग लगा दी। दावा किया जा रहा है कि मस्जिद के भीतर धार्मिक ग्रंथ को जलाए जाने की घटना के पीछे दूसरे समुदाय के व्यक्ति का हाथ था।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। इसे भड़काऊ दावे के साथ सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक मस्जिद के भीतर धार्मिक ग्रंथ को आग लगाने वाला आरोपी उसी समुदाय का है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले में ताज मोहम्मद नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, जो अभी जेल में बंद है।
क्या है वायरल?
ट्विटर यूजर ‘🇮🇳❤@li@🇮🇳❤Kh@n🇮🇳❤( AIMIM)’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”दो दिन पहले गुजरात मे #Morbi पुल टूटने पे सिर्फ 4 मुसलमानो ने ही सैकड़ो लोगो की जान बचाई,
और कल यूपी के शाहजहांपुर मे भगवा आतंकियो ने मस्जिद मे घुसकर “कुरान शरीफ” को आग लगा दी!
मुसलमानो से इतनी नफरत क्यो?
हमसे नफरत मे तुम क्यो इतने अंधे हो गए के तुम्हे सही-गलत कुछ समझ नही आ रहा?”
पड़ताल
वायरल पोस्ट में हिंदी न्यूज पोर्टल पर पब्लिश्ड खबर का स्क्रीनशॉट लगा हुआ है। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मस्जिद के अंदर धार्मिक ग्रंथ को आग लगाए जाने की घटना का जिक्र है।
इन कीवर्ड्स के साथ न्यूज सर्च करने पर एबीपी लाइव डॉटकॉम की वेबसाइट पर करीब एक हफ्ते पुरानी रिपोर्ट मिली। ‘Shahjahanpur News: शाहजहांपुर में मस्जिद के अंदर धार्मिक ग्रंथ को लगाई आग, सड़कों पर उतरे मुस्लिम समुदाय के लोग, CCTV फुटेज आया सामने’ हेडलाइन से लिखी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश स्थित शाहजहांपुर में मुस्लिम समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को मस्जिद के अंदर आग के हवाले करने का मामला सामने आया है। मामले की जानकारी होते ही मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। आनन-फानन में पुलिस के आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाना-बुझाना शुरू किया।’
न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर हैंडल से दो नवंबर को इस घटना को लेकर शाहजहापुंर के एसपी एस आनंद के बयान को भी ट्वीट किया है, जिसमें पुलिस के सीसीटीवी को जांचने की बात की गई है।
शाहजहांपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तीन नवंबर को इस मामले से संबंधित दो ट्वीट किए गए हैं, जिसमें मामले के आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी गई है।
ट्वीट में बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा का बयान है। इसके मुताबिक, थाना कोतवाली क्षेत्र में धार्मिक ग्रंथ को हानि पहुंचाने वाले अभियुक्त ताज मोहम्मद की गिरफ्तारी की जानकारी दी गई है।
न्यूज सर्च में मिली अन्य न्यूज रिपोर्ट में इस घटना के आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी दी गई है। भास्कर डॉटकॉम की वेबसाइट पर करीब एक हफ्ते पहले की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘शाहजहांपुर में बुधवार शाम को मस्जिद में घुसकर धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने वाला गिरफ्तार हो गया है। आरोपी का नाम ताज मोहम्मद मुन्ना है। वह मस्जिद से 3 किलोमीटर दूर बाडूजई मोहल्ले का रहने वाला है।’
संबंधित घटना शाहजहांपुर के थाना कोतवाली क्षेत्र से संबंधित था, इसलिए हमने इस मामले में कोतवाली थाने के एसएचओ ब्रजेश से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘इस मामले में पुलिस ने इकलौते आरोपी ताज मोहम्मद मुन्ना को गिरफ्तार किया है और यह कहीं से भी सांप्रदायिक मामला नहीं है। मामला सामने आने के बाद ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और वह फिलहाल जेल में बंद है।’
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब दो हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मस्जिद के अंदर धार्मिक ग्रंथ को आग लगाए जाने की घटना में गिरफ्तार किया गया आरोपी मुस्लिम समुदाय का ही है, न कि किसी दूसरे समुदाय का। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी ताज मोहम्मद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जो फिलहाल जेल में ही बंद है।
- Claim Review : यूपी के शाहजहांपुर मे भगवा आतंकियो ने मस्जिद मे घुसकर
- Claimed By : Twitter User-@AliaaaKha
- Fact Check : झूठ
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