Fact Check: मणिपुर में EVM को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना को फेक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

'प्रॉक्सी वोटिंग' के आरोप में मणिपुर में मतदान केंद्र पर नाराज स्थानीय लोगों के ईवीएम की तोड़फोड़ की घटना को वोटिंग मिसमैच और एक पार्टी विशेष के पक्ष में मत दर्ज होने के फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जारी मतदान के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हुए मतदान के दौरान का है, जब ईवीएम में किसी भी बटन के जरिए वोट किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनाव चिह्न वाली पर्ची निकलने के बाद नाराज महिला मतदाताओं में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को तोड़ दिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो मणिपुर का है, लेकिन यह वोटिंग या मतदान के दौराम मिसमैच का मामला नहीं था, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है। ‘प्रॉक्सी वोटिंग’ के आरोप की वजह से स्थानीय मतदाताओं में ईवीएम को तोड़ दिया था। साथ ही इन मतदान केंद्रों पर 22 अप्रैल को दुबारा मतदान भी कराया जा चुका है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “In Manipur women broke the EVM after they saw that after pressing any button they could see only lotus being printed A call for immediate intervention of SupremeCourt Y does not happen that BJP workers get angry seeing some other party symbol being printed.”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो (आर्काइव लिंक) को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

जांच

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स भी मिली, जिसमें मणिपुर की इस घटना का जिक्र है। एनडीटीवी की 19 अप्रैल की रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, मणिपुर में प्रॉक्सी वोटिंग के आरोप के मामले में ईवीएम के साथ तोड़फोड़ की गई है।

https://twitter.com/ndtv/status/1781296024306291132

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में भी इस घटना का समान संदर्भ में जिक्र किया गया है।

सोशल मीडिया सर्च में हमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड के आधिकारिक एक्स हैंडल से साझा किया गया पोस्ट मिला, जिसमें इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है और इस पर मणिपुर सीईओ के आधिकारिक हैंडल (आर्काइव लिंक) से जवाब देते हुए इसे फेक बताया गया।

सीईओ मणिपुर ने बताया, “यहां जो वीडियो दिख रहा है, वह इम्फाल पूर्व के पोलिंग स्टेशन (3/21 खुराई विधानसभा हिस्सा) का है, जहां 22 अप्रैल 2024 को पुनर्मतदान हो चुका है। बैलेट यूनिट में दबाए गए बटन और वीवीपैट से निकली पर्ची में कोई मिसमैच का मामला सामने नहीं आया और न ही किसी की तरफ से ऐसा आरोप लगाया गया। फेक न्यूज फैलाने के मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, 22 अप्रैल को मणिपुर के 11 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराया गया।

न्यूज सर्च में हमें एनडीटीवी की रिपोर्ट मिली, जिसमें जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज कराए जाने की जानकारी है।

एनडीटीवी की अन्य न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के छह मतदान केंद्रों पर दुबारा से मतदान कराए जाने का आदेश दिया है। इन केंद्रों पर 30 अप्रैल को वोटिंग होगी।

वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने केंद्रीय निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता से संपर्क किया। वायरल पोस्ट में किए गए दावे का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि इस बारे में मणिपुर के मुख्य चुनाव अधिकारी की तरफ से स्पष्टीकरण दिया जा चुका है।

चुनाव आयोग (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, कुल सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान से हुई, जिसके तहत कुल 102 सीटों पर वोट डाले गए। वहीं, दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को कुल 89 सीटों पर वोटिंग हुई। अगले व तीसरे चरण का मतदान सात मई को होगा।

https://twitter.com/ECISVEEP/status/1768999969850060911

वायरल वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 11 हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: ‘प्रॉक्सी वोटिंग’ के आरोप में मणिपुर में मतदान केंद्र पर नाराज स्थानीय लोगों के ईवीएम की तोड़फोड़ की घटना को वोटिंग मिसमैच और एक पार्टी विशेष के पक्ष में मत दर्ज होने के फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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