Fact Check: फटे कपड़ों में पढ़ रहे बच्चों की यह तस्वीर भारत की नहीं बल्कि कंबोडियाई स्कूल की है

फटे हुए कपड़े पहने पढ़ाई करते हुए बच्चों की तस्वीर भारत की नहीं है, बल्कि कंबोडियाई गांव की है, जिसे भारत का बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा जा रहा है। तस्वीर में एक प्रांगण में बच्चों को पढ़ाई करते हुए देखा जा सकता है, जिसमें एक बच्चा फटे कपड़ों में नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भारत के किसी स्कूल की है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और दुष्प्रचार निकला। वायरल हो रही तस्वीर कंबोडिया की है, जिसे भारत का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। कई विपक्षी दलों के नेता इस तस्वीर को भारत का बताकर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं।

क्या है वायरल?

ट्विटर यूजर ‘पुनीत यादव समाजवादी’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”प्रधानमंत्री जी आप कैसा भारत गढ़ रहे हैं जहाँ तन ढकने को कपड़े तक नहीं हैं बच्चों के पास। #आत्मनिर्भर_भारत”

फेसबुक पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है, जिसमें ट्विटर यूजर आईपी सिंह के आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल से साझा की गई तस्वीर का स्क्रीनशॉट है।

फेसबुक पर गलत दावे के साथ वायरल तस्वीर

पड़ताल

वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढ़ने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर आईएफसीएन प्रमाणित इंडोनेशियाई फैक्ट चेकर cekfakta की वेबसाइट पर प्रकाशित फैक्ट चेक रिपोर्ट में लगी मिली। कुछ समय पहले यह तस्वीर इंडोनेशिया में स्कूलों की स्थिति को लेकर वायरल हुई थी, जिसकी जांच सीईकेफैक्टा ने की थी।

इंडोनेशियाई फैक्ट चेकर वेबसाइट cekfakta.com की फैक्ट चेक रिपोर्ट, जिसमें वायरल तस्वीर को कंबोडियाई गांव का बताया गया है

हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि कंबोडिया के एक गांव की है। अतिरिक्त जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने सीईकेफैक्टा से ईमेल पर संपर्क किया। उन्होंने इस तस्वीर के कंबोडिया के एक गांव की होने की पुष्टि करते हुए कंबोडियाई न्यूज पोर्टल का लिंक शेयर किया।

postkhmer.com की वेबसाइट पर 26 मार्च 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट

26 मार्च 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर कंबोडिया के एक गांव की है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि फटे-पुराने कपड़ों में खुले प्रांगण में पढ़ते बच्चों की जिस तस्वीर को भारत का बताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा जा रहा है, वह वास्तव में कंबोडिया के एक गांव की पुरानी तस्वीर है।

वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब 700 से अधिक लोग फॉलो करते हैं। ट्विटर यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को समाजवादी छात्र नेता बताया है।

2022 में विश्वास न्यूज ने केवल हिंदी में करीब डेढ़ हजार से अधिक फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को प्रकाशित किया और इन रिपोर्ट्स का विश्लेषण हमें साल के दौरान भारतीय परिदृश्य में मिस-इनफॉर्मेशन के ट्रेंड्स के बारे में रोचक जानकारी देता है। विश्वास न्यूज की इस विशेष रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: एक खुले प्रांगण में फटे कपड़े पहने पढ़ाई करते हुए बच्चों की तस्वीर भारत की नहीं है, बल्कि कंबोडियाई गांव की है, जिसे भारत का बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।

False
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