Fact Check: दाऊदी बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में PM मोदी ने नहीं पहनी इस्लामी टोपी, दुष्प्रचार की मंशा से वायरल की जा रही फेक तस्वीर

मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के अलजामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया था और इस दौरान उन्होंने इस्लामी टोपी नहीं पहनी थी। इस्लामी टोपी पहने प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर तैयार किया गया है।

Fact Check: दाऊदी बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में PM मोदी ने नहीं पहनी इस्लामी टोपी, दुष्प्रचार की मंशा से वायरल की जा रही फेक तस्वीर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। 19 जनवरी को मुंबई नगर निगम के कार्यक्रम और नई मेट्रो लाइन के उद्घाटन के लिए मुंबई गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें इस्लामी टोपी पहने हुए देखा सकता है। दावा किया जा रहा है कि इस्लामी टोपी पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा दुष्प्रचार निकला। वायरल हो रही तस्वीर एडिट कर तैयार की गई है। अपनी मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के अलजामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया था और इस दौरान वह अपने परिधान में भी नजर आए। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान इस्लामी टोपी नहीं पहनी। वायरल तस्वीर फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर तैयार किया गया है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Jay Chand’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”दोस्तों आज अंध भक्तों का कमल का फूल मस्जिद में खींल रहा है
धन्यवाद कहूं मोदी जी आपका जो आप चुपके-चुपके मस्जिद मस्जिद चलते हो..🤣।”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पीएम मोदी की ऑल्टर्ड तस्वीर

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

10 फरवरी की दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के मारोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई की अपनी यात्रा के दौरान दाऊदी बोहरा समुदाय के एक शैक्षणिक संस्थान के एक नए परिसर का उद्घाटन किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने मुंबई के मारोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया। मालूम हो कि दाउदी बोहरा समुदाय के प्राथमिक शैक्षणिक संस्थान अलजामिया-तुस-सैफियाह या सैफी अकादमी का नया परिसर मुंबई के एक उपनगर मारोल में है।”

न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इस कार्यक्रम की तस्वीरों को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है, जिसमें प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी नजर आ रहे हैं।

किसी भी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी इस्लामी टोपी पहने हुए नजर नहीं आ रहे हैं। वायरल कोलाज में दो तस्वीरें नजर आ रही हैं। पहली तस्वीर में प्रधानमंत्री धर्मगुरु के साथ नजर आ रहे हैं। सर्च में इस मुलाकात की तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल पर लगी मिली।

नीचे दर्शाए गए कोलाज में स्पष्ट रूप से ऑरिजिनल और फेक तस्वीर के बीच के अंतर को देखा जा सकता है।

वायरल कोलाज में दूसरी तस्वीर में प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ नजर आ रहे हैं। सर्च में इस मुलाकात की तस्वीर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक ट्विटर प्रोफाइल पर लगी मिली।

नीचे दर्शाए गए कोलाज में ऑरिजिनल तस्वीर और फेक वायरल तस्वीर के बीच के अंतर को साफ-साफ देखा जा सकता है।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि मुंबई के दाऊदी बोहरा समुदाय के शैक्षणिक संस्थान अलजामिया-तुस-सैफियाह अकादमी के नए परिसर के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामी टोपी नहीं पहनी थी और इस दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर फेक है, जिसे एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है।

अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण के मुंबई ब्यूरो प्रमुख ओमप्रकाश तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस्लामी टोपी नहीं पहनी थी।

वायरल और फेक तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को लखनऊ निवासी बताया है। यह प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।

निष्कर्ष: मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दाऊदी बोहरा समुदाय के अलजामिया-तुस-सैफियाह अरबी अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया था और इस दौरान उन्होंने इस्लामी टोपी नहीं पहनी थी। इस्लामी टोपी पहने प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर तैयार किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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