चंद्रयान-3 द्वारा धरती की ली गई तस्वीर के नाम पर वायरल इमेज नासा के अपोलो-8 मिशन पर गए खोगलविदों की तरफ से ली गई तस्वीर है। 1968 की इस तस्वीर को इसरो के चंद्रयान-3 मिशन के नाम पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह चांद की सतह से चंद्रयान-3 द्वारा खींची गई तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है। ऑरिजिनल तस्वीर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के अपोलो 8 मिशन की है, जिसे एडिट कर चंद्रयान-3 के नाम से शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘BerryableGuy’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “New photo from India’s moon landing just released….”
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
चंद्रयान-3 से संबंधित सभी तस्वीरों को भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) अपनी वेबसाइट और आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों से जारी कर रहा है। इसरो की वेबसाइट पर चंद्रयान-3 गैलरी में चंद्रयान-3 से भेजी गई सभी तस्वीरें मौजूद हैं और इनमें ऐसी कोई भी तस्वीर नहीं है, जो वायरल तस्वीर से मेल खाती हो ।
इसरो के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी चंद्रयान-3 से संबंधित तस्वीरों और वीडियो को जारी किया जाता रहा है। चंद्रयान-3 से संबंधित सबसे हालिया वीडियो को चार सितंबर को जारी किया गया है, जो इसके टेक-ऑफ और लैंडिंग से संबंधित है।
स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर चंद्रयान-3 से संबंधित नहीं है। वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल स्रोत को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें इससे मिलती-जुलती तस्वीर टाइम मैगजीन की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट में लगी मिली, जिसे 30 जुलाई 2021 को प्रकाशित किया गया है।
रिपोर्ट में मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह 1968 में अपोलो-8 मिशन द्वारा ली गई तस्वीर है, जिसमें चांद से धरती अपने पूरे आकार में नजर आ रही थी। नासा के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर हमें अपोलो-8 मिशन का पूरा वीडियो मिला, जिसमें संबंधित तस्वीर को देखा जा सकता है।
नासा की फोटो गैलरी में भी यह तस्वीर मौजूद है। दी गई जानकारी के मुताबिक, अपोलो-8 मिशन के खगोलविदों ने लूनर आर्बिट मिशन के दौरान धरती की यह तस्वीर ली थी।
इस तस्वीर में धरती गोलाकार नजर आ रही है और इसी तस्वीर को एडिट कर चपटे आकार का बना दिया गया है, जिसे चंद्रयान-3 से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने इसे लेकर डिफेंस एंड एयरोस्पेस एक्सपर्ट गिरीश लिंगन्ना से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 से संबंधित सभी तस्वीरें और वीडियो इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं। किसी भी तरह की पुष्टि के लिए इन तस्वीरों को ही संदर्भ के तौर पर देखा जाना चाहिए।
चंद्रयान-3 से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
निष्कर्ष: चंद्रयान-3 द्वारा धरती की ली गई तस्वीर के नाम पर वायरल इमेज नासा के अपोलो-8 मिशन पर गए खोगलविदों की तरफ से ली गई तस्वीर है। 1968 की इस तस्वीर को इसरो के चंद्रयान-3 मिशन के नाम पर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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