Fact Check: दलाई लामा के गिरफ्तार और पुतिन व बाइडेन के बौद्ध धर्म स्वीकार करने का दावा फेक, तस्वीरें AI निर्मित हैं

दलाई लामा के गिरफ्तार होने और रूसी व अमेरिकी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और जो बाइडेन के बौद्ध धर्म को स्वीकार किए जाने के दावे के साथ वायरल तस्वीर फेक है, जिन्हें एआई टूल की मदद से तैयार किया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की तस्वीरें वायरल हो रही है। पुतिन और बाइडेन की तस्वीरों को साझा कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया है, वहीं दलाई लामा की तस्वीर को साझा कर दावा किया जा रहा है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। कुछ दिनों पहले ही बच्चे की दलाई लामा से मुलाकात के वीडियो को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद वायरल तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है।

विश्वास न्यूज की जांच में तीनों दावे गलत निकले। न तो पुतिन और बाइडेन ने बौद्ध धर्म को स्वीकार किया है और न ही दलाई लामा को गिरफ्तार किया गया है। इन दावों के साथ वायरल हो रही तस्वीर फेक है, जिन्हें एआई टूल की मदद से तैयार किया गया है। यह पहली बार नहीं है, जब मशहूर शख्सियतों की एआई निर्मित तस्वीरों को शेयर कर फेक दावा किया गया हो। इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एआई टूल की मदद से बनाई गई काल्पनिक तस्वीरों को फेक दावे के साथ वायरल किया गया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Son Chengchon’ ने पुतिन और बाइडेन की तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें वह बौद्ध के रूप में नजर आ रहे हैं।

वहीं ट्विटर यूजर ‘Sweet Summer Shunü 甜夏淑女’ ने दलाई लामा की तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें उन्हें पुलिस की गिरफ्त में देखा जा सकता है।

https://twitter.com/Tianxiashunv/status/1646321777172434945

पड़ताल

इससे पहले भी विश्वास न्यूज एआई टूल्स की मदद से बनाई गई ऐसी तस्वीरों की जांच कर चुका है। एआई टूल्स की मदद से बनाई गई तस्वीरों में कई तरह की असमानताएं होती हैं, जिसमें ऊंगलियों का आकार, चेहरे की आकृति और पृष्ठभूमि में कई तरह की असमानताएं होती हैं।

बाइडेन और पुतिन की तस्वीरों में इन सभी विसंगतियों को देखा जा सकता है। रिवर्स इमेज सर्च करने पर ये तस्वीरें जिस यूजर की प्रोफाइल पर लगी मिली, वह ‘एआई क्रिएटिव थाईलैंड’ के सदस्य हैं। स्पष्ट है कि ये तस्वीरें एआई की मदद से बनाई गई हैं।

रिवर्स इमेज सर्च में ต๋องสุเกะ สุวรรณกิจ यूजर की प्रोफाइल पर मिली तस्वीर, जिसमें उन्होंने स्वयं को एआई आर्टिस्ट बताया है।

मिड-जर्नी एक ऐसा ही एआई टूल है, जिसकी मदद से वास्तविक जैसी दिखने वाली तस्वीरों को बनाया जाता है। इसके लिए यूजर्स को इस टूल पर इनपुट देने होते हैं और फिर यह टूल तस्वीर बनाकर तैयार कर देता है।

ट्विटर यूजर ‘Sweet Summer Shunü’ ने दलाई लामा की तस्वीर को साझा किया है, जिसमें उन्हें पुलिस की गिरफ्त में देखा जा सकता है। इस तस्वीर में भी कई विसंगतियां हैं, जो एआई से बनी तस्वीरों की पहचान हैं। बैकग्राउंड में एक व्यक्ति ऐसा दिखा रहा है, जिसकी तीन आंखें हैं और वहीं दलाई लामा और उनके बगल में खड़े पुलिसकर्मी की ऊंगलियां अजीब आकृति में नजर आ रही हैं।

https://twitter.com/Tianxiashunv/status/1646321777172434945

साथ ही इस तस्वीर पर एक यूजर्स की टिप्पणी है, जिसमें इस तस्वीर को एआई टूल की मदद से तैयार बताया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, ईएफएफ नाम के संगठन ने दलाई लामा को गिरफ्तार किए जाने की अपील की है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

दलाई लामा को गिरफ्तरा किए जाने के दावे के साथ वायरल तस्वीर पर यूजर की तरफ से जोड़ा गया रेफरेंस, जिसमें इस तस्वीर को एआई की मदद से तैयार बताया गया है।

वायरल तस्वीर को लेकर हमने एआई एक्सपर्ट और वायरल तस्वीर को लेकर डीप लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “एआई की मदद से तैयार की गई तस्वीरों में कुछ निश्चित पैटर्न होते हैं, जिनकी मदद से इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। आम तौर पर इन तस्वीरों में कई असमानताएं होती हैं और चेहरे और शारीरिक आकृतियों में भी स्पष्टता नहीं होती है।”

इससे पहले भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गिरफ्तार किए जाने के साथ तस्वीरें वायरल हुई थी, जिसे हमने अपनी जांच में फेक पाया था। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई तस्वीरें गलत दावों के साथ वायरल हुई थीं, जिन्हें हमने अपनी जांच में एआई निर्मित पाया था। एआई टूल्स की मदद से बनाई गई फेक और वायरल तस्वीरों की जांच से संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: दलाई लामा के गिरफ्तार होने और रूसी व अमेरिकी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और जो बाइडेन के बौद्ध धर्म को स्वीकार किए जाने के दावे के साथ वायरल तस्वीर फेक है, जिन्हें एआई टूल की मदद से तैयार किया गया है।

False
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