छत्तीसगढ़ में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की जुबान फिसली और उन्होंने इसे "सत्ता का रास्ता" बता दिया, लेकिन उन्होंने अगले ही क्षण इस भूल को सुधारते हुए "सत्य का रास्ता" बताया। हालांकि, वायरल वीडियो क्लिप में इसे जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने सत्याग्रह के गलत मतलब का जिक्र किया।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के भाषण का बेहद छोटा वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है। वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी के लिए महात्मा गांधी के ‘सत्याग्रह’ का मतलब “सत्ता के रास्ते को कभी नहीं छोड़ने” से है। वीडियो क्लिप में भी उन्हें यही कहते हुए सुना जा सकता है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार निकला। वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड वीडियो क्लिप है, जिसे जानबूझकर दुष्प्रचार की मंशा से भाषण के मूल हिस्से से अलग कर शेयर किया जा रहा है। सत्याग्रह का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की जुबान फिसली और उन्होंने इसे “सत्ता का रास्ता” बता दिया, लेकिन उन्होंने अगले ही क्षण इस भूल को सुधारते हुए “सत्य का रास्ता” बताया। हालांकि, वायरल वीडियो क्लिप में इसे जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Rakesh Asati’ ने राहुल गांधी के वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “सत्याग्रह मतलब सत्ता का रास्ता।”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर ने इस वीडियो क्लिप को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल हो रहा वीडियो क्लिप 24 सेकेंड का है, जिसमें राहुल गांधी कह रहे हैं, “…….शब्द है इसके लिए। महात्मा गांधी कहते थे…सत्याग्रह की बात करते थे। सत्याग्रह का मतलब सत्ता के रास्ते को कभी मत छोड़ो।”
नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का यह सबसे लोकप्रिय तरीका है, जिसमें उनके भाषण के एक क्लिप को संदर्भ से अलग कर साझा किया जाता है, जिससे उसके मायने मतलब बदल जाते हैं। राहुल गांधी के वायरल क्लिप को सुनने से स्पष्ट है कि यह उनके भाषण का एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर साझा किया जा रहा है।
की-वर्ड सर्च में कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली, जिससे वायरल वीडियो का क्लिप संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। वायरल वीडियो क्लिप छत्तीसगढ़ में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय महाधिवेशन के दौरान राहुल गांधी के संबोधन का है और इस दौरान संबोधित करते हुए उनकी जुबान फिसली, लेकिन उन्होंने तुरंत ही अपनी गलती को सुधार लिया।
राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि इसका मतलब होता है- सत्ता का रास्ता कभी मत छोड़ो, लेकिन उन्होंने अगले ही पल इसे सुधारते हुए कहा कि सत्याग्रह का मतलब सत्य के रास्ते पर चलना होता है और इसके लिए हठ करना होता है।
कई न्यूज चैनलों ने इस अधिवेशन में राहुल गांधी के संबोधन को रिपोर्ट किया है। न्यूज 18 मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल से भी राहुल गांधी के इस संबोधन को शेयर किया गया है।
वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी में इस बात का साफ-साफ उल्लेख है कि संबोधन के दौरान राहुल गांधी की जुबान फिसल गई। राहुल गांधी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से राहुल गांधी के इस भाषण को लाइव किया गया है। 50.55 मिनट के वीडियो में 38.06 मिनट के फ्रेम को देखने और सुनने पर वायरल वीडियो क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है।
केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी कहते हैं, “……..शब्द है इसके लिए। महात्मा गांधी कहते थे….सत्याग्रह की बात करते थे। सत्याग्रह का मतलब…..सत्ता के रास्तों को कभी मत छोड़ो। सॉरी…..सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो।”
उन्होंने आगे कहा, “……इनके लिए नया शब्द है….आरएसएस बीजेपी वालों के लिए….हम हैं सत्याग्रही और वो हैं सत्ताग्रही। ये सत्ता के लिए कुछ भी कर लेंगे।”
स्पष्ट है कि राहुल गांधी ने सत्याग्रह का मतलब सच के रास्ते पर चलना बताया था, लेकिन इस दौरान उनकी जुबान फिसली और वह सत्य की जगह सत्ता बोल गए। अगले ही क्षण उन्होंने इसके लिए माफी मांगते हुए भूल को सुधार लिया। वायरल वीडियो क्लिप में दु्ष्प्रचार की मंशा से उनके भाषण के इस अंश को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है।
इस क्लिप को लेकर हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने इसे राहुल गांधी के खिलाफ दु्ष्प्रचार बताते हुए कहा कि सत्ता पक्ष राहुल गांधी से भयभीत है और वह इस तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहती है, जिसका जिक्र राहुल गांधी अपने भाषणों में लगातार कर रहे हैं।
“भारत जोड़ो” यात्रा की शुरुआत के बाद से राहुल गांधी के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें उनके भाषण के एडिटेड क्लिप को गलत दावे के साथ शेयर किया गया। विश्वास न्यूज पर इससे संबंधित सभी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार लोग फॉलो करते हैं और इस प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।
निष्कर्ष: छत्तीसगढ़ में आयोजित कांग्रेस के तीन दिवसीय अधिवेशन के दौरान महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की जुबान फिसली और उन्होंने इसे “सत्ता का रास्ता” बता दिया, लेकिन उन्होंने अगले ही क्षण इस भूल को सुधारते हुए “सत्य का रास्ता” बताया। हालांकि, वायरल वीडियो क्लिप में इसे जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने सत्याग्रह के गलत मतलब का जिक्र किया।
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