देवी दुर्गा का अपमान किए जाने के दावे के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसद में दिए गए भाषण का वायरल हो रहा वीडियो क्लिप वास्तव में 2016 में लोकसभा में रोहित वेमुला और जेएनयू पर हुई बहस को लेकर उनकी तरफ से दिए गए जवाब के वीडियो का एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर साझा किए जाने से उल्टा मतलब निकलता प्रतीत हो रहा है। वास्तव में उन्होंने जेएनयू में बांटे एक पर्चे को पढ़ते हुए विपक्ष पर हमला बोला था, जिसमें देवी दुर्गा के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक वीडियो क्लिप शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह (पुराने संसद भवन) लोकसभा में बोलती हुई नजर आ रही हैं। इस क्लिप के साथ दावा किया जा रहा है कि उन्होंने देवी के बारे में संसद में आपत्तिजनक टिप्पणी की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस वीडियो क्लिप को एडिटेड और ऑल्टर्ड पाया, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। वास्तव में स्मृति ईरानी ने साल 2016 में लोकसभा में जेएनयू में महिषासुर वध के विरोध में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का जिक्र करते उस पर्चे को पढ़ा था, जिसे 10 फरवरी 2016 को जेएनयू में वितरित किया गया था। इस पर्चे में देवी दुर्गा के बारे में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं, जिसे स्मृति ईरानी ने सदन में पढ़ते हुए विपक्ष पर हमला बोला था। उनके इसी भाषण के छोटे-से अंश को सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, जिससे लग रहा है कि उन्होंने देवी दुर्गा के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को भेजा है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो बेहद छोटा क्लिप है, जिससे यह साफ और स्पष्ट है कि यह किसी भाषण या बयान का एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर शेयर किया जा रहा है।
ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने वायरल वीडियो क्लिप के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो क्लिप का ऑरिजिनल वीडियो मिला, जिसे 24 फरवरी 2016 को अपलोड किया गया है।
वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह जेएनयू और रोहित वेमुला पर हुए डिबेट पर स्मृति ईरानी की तरफ से दिया गया जवाब है। वायरल वीडियो क्लिप वाले बयान को 31.48 मिनट के फ्रेम से सुनने पर इसका पूरा संदर्भ स्पष्ट हो जाता है।
स्पष्ट है कि स्मृति ईरानी के लोकसभा में दिए गए भाषण का वायरल हो रहा वीडियो क्लिप 2016 का है और यह जेएनयू और रोहित वेमुला के मुद्दे पर हुए बहस को लेकर उनकी तरफ से दिया गया जवाब था, जिसके दौरान उन्होंने जेएनयू कैंपस में वितरित किए गए पर्चे को पढ़ा था, जिसमें देवी दुर्गा के बारे में बेहद अपमानजनक टिप्पणी की गई थी। वायरल हो रहा वीडियो उनके इसी भाषण का अंश है, लेकिन उसमें केवल उन्हें पर्चे को पढ़ते हुए देखा जा सकता है, जबकि पर्चे को पढ़ने से पहले वह साफ-साफ इस बात का उल्लेख करती हैं कि यह जेएनयू कैंपस में वितरित किया गया पर्चा है। वायरल वीडियो क्लिप में उनके इस बयान वाले फ्रेम को जानबूझकर हटा दिया गया है।
इंडिया टीवी की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट के मुताबिक, “मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बुधवार को जेएनयू में महिषासुर वध के विरोध में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि दलित और पिछड़े वर्ग के छात्र मां दुर्गा का अश्लील चित्रण करते हैं। इस मुद्दे पर आज राज्यसभा में हंगामा हुआ। विपक्ष इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी से माफी की मांग कर रहा है। राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि सदन में दुर्गा का अपमान किया गया और हम देवी दुर्गा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने स्मृति से इस बयान को लेकर माफी मांगने को कहा।”
इससे पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: देवी दुर्गा का अपमान किए जाने के दावे के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसद में दिए गए भाषण का वायरल हो रहा वीडियो क्लिप वास्तव में 2016 में लोकसभा में रोहित वेमुला और जेएनयू पर हुई बहस को लेकर उनकी तरफ से दिए गए जवाब के वीडियो का एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर साझा किए जाने से उल्टा मतलब निकलता प्रतीत हो रहा है। वास्तव में उन्होंने जेएनयू में बांटे एक पर्चे को पढ़ते हुए विपक्ष पर हमला बोला था, जिसमें देवी दुर्गा के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं। हालांकि, वायरल क्लिप में केवल उन्हें इस बयान को पढ़ते हुए दिखाया जा रहा है, जिससे ऐसा लग रहा है कि स्मृति ईरानी ने देवी दुर्गा के बारे में विवादित टिप्पणी की, जबकि वह विवादित बयान को पढ़ने से पहले साफ-साफ इस बात का उल्लेख करती हैं कि यह जेएनयू में बांटा गया पर्चा है।
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