Fact Check: अमूल ने 1.38 लाख कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला, फर्जी पोस्ट हो रही वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में अमूल को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत निकला है। अमूल एक कोऑपरेटिव है, जिसका संचालन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा किया जाता है। आनंद सेठ नाम के कोई शख्स इसके मालिक नहीं हैं। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का दावा झूठा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर दूध उत्पादों के मशहूर कोऑपरेटिव ब्रांड अमूल को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अमूल दूध के मालिक आनंद सेठ ने गोमांस खाने वाले 1.38 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला है। अमूल एक कोऑपरेटिव है और आनंद सेठ नाम के कोई शख्स इसके मालिक नहीं हैं। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का दावा भी झूठा है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Nobita Nomi ने Positive Thoughts नाम के फेसबुक ग्रुप में वायरल दावे को पोस्ट किया है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘अमूल दूध के मालिक आनंद सेठ ने गौमांस खाने वाले 1.38 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। धन्यवाद आनंद सेठ जी।’ इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले अमूल को लेकर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए इंटरनेट पर ओपन सर्च किया। अगर किसी कंपनी से एक साथ 1.38 लाख कर्मचारियों को निकाला जाता, तो यह एक बड़ी खबर होती और प्रामाणिक मीडिया हाउस इसे रिपोर्ट जरूर करते। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस वायरल दावे की पुष्टि करती हो।

हमने अमूल और आनंद सेठ के बारे में इंटरनेट पर पड़ताल की, तो पता चला कि अमूल एक ब्रांड नाम है, जो डेयरी कोऑपरेटिव का एक समूह है। इसका प्रबंधन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा किया जाता है। अमूल की आधिकारिक वेबसाइट पर ये सारी जानकारी दी हुई हैं। इसके मुताबिक, GCMMF की स्थापना 1973 में हुई थी। अभी 18 डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियंस इसके सदस्य हैं। समलभई बी पटेल इसके चेयरमैन, वमलजीभाई आर हंबल वाइस चेयरमैन और डॉक्टर आरएस सोढ़ी इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। इस जानकारी को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

यानी आनंद सेठ नाम का कोई शख्स अमूल का मालिक नहीं है, बल्कि यह एक कोऑपरेटिव फेडरेशन है। 1946 में दुग्ध उत्पादकों ने शोषण के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी कोऑपरेटिव स्थापित की थी। यही आगे चलकर आज मूल डेयरी के नाम से विख्यात है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे के बारे में और पुख्ता जानकारी के लिए इसके कस्टमर केयर हेल्पलाइन से संपर्क किया। हमें हेल्पलाइन से जानकारी दी गई कि अमूल एक कोऑपरेटिव समूह है और आनंद सेठ नाम का कोई शख्स इसका मालिक नहीं है। उन्होंने वायरल खबर को भी फर्जी बताया।

हमने इस वायरल दावे को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के गुजरात स्टेट ब्यूरो चीफ शत्रुघ्न शर्मा के साथ साझा किया। उन्होंने भी इसे फर्जी बताते हुए कहा कि अमूल एक कोऑपरेटिव ग्रुप है, जिसका संचालन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा किया जाता है। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल दावे जैसी कोई घटना अमूल में नहीं हुई है।

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Nobita Nomi की प्रोफाइल को स्कैन किया। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर लोनी, गाजियाबाद में रहती हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अमूल को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत निकला है। अमूल एक कोऑपरेटिव है, जिसका संचालन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा किया जाता है। आनंद सेठ नाम के कोई शख्स इसके मालिक नहीं हैं। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का दावा झूठा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट