विश्वास न्यूज की पड़ताल में अमित शाह के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। अमित शाह के तीन महीने पुराने और आधे-अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि सीआईएसएफ निजी एजेंसियों को तैयार करने में मदद करेगी और उन्हें ट्रेनिंग देगी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अमित शाह के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सरकार सीआईएसएफ को बंद और उसका प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। अमित शाह के तीन महीने पुराने और आधे-अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि सीआईएसएफ निजी एजेंसियों को तैयार करने में मदद करेगी और उन्हें ट्रेनिंग देगी।
फेसबुक यूजर आदर्श जनता पार्टी ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अब #CISF को भी बंद करने की बारी ! पूरे देश की सुरक्षा ही ठेके पर देंगे ! ए मेरे देश, यही है झूठे राष्ट्रवाद का असली चेहरा!।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ये बताया गया हो कि सीआईएसएफ को बंद या फिर उसका प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है। हालांकि, हमें वायरल वीडियो से जुड़ी कई रिपोर्ट मिली। दैनिक जागरण पर 6 मार्च 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह सीआईएसएफ के स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गाजियाबाद पहुंचे थे। ये वीडियो उसी दौरान का है। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा था कि सीआईएसएफ द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अगले 25 साल के रोडमैप पर काम शुरू कर दिया गया है। सीआईएसएफ निजी एजेंसियों को ट्रेनिंग देगी और उन्हें तैयार करने का भी काम करेगी। अन्य वेबसाइट्स की रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो दूरदर्शन के आधिकारिक चैनल पर 6 मार्च 2022 को अपलोड मिला। असली वीडियो में 11 मिनट से अमित शाह के पूरे बयान को सुना जा सकता है। वो कहते हुए नजर आ रहे हैं, “सीआईएसएफ के डीजीपी को कहूंगा कि 5 साल का एक रोडमैप तैयार करना चाहिए, जिसमें हम सीआईएसएफ भविष्य के 25 साल के लिए तैयार करें। सीआईएसएफ को आगे और भी कामों को जिम्मा दिया जाएगा। देश में प्राइवेट सिक्योरिटी का काम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने इसके लिए कानून और नियम भी बनाए हैं। क्या सीआईएसएफ उनकी ट्रेनिंग का जिम्मा ले सकता है। औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करने वाली प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की ट्रेनिंग का जिम्मा भी क्या सीआईएसएफ ले सकता है।”
जांच के दौरान हमें सीआईएसएफ की आधिकारिक वेबसाइट पर भी वायरल दावे से जुड़ी एक पीडीएफ मिली। इस पीडीएफ में इस कार्यक्रम को लेकर न्यूज वेबसाइट्स द्वारा छापी गई रिपोर्ट को दिखाया गया है। अमित शाह के इस कार्यक्रम को लेकर यहां पर भी यही बताया गया कि सीआईएसएफ प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की ट्रेनिंग का जिम्मा भी संभालेगी।
पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने इस कार्यक्रम को कवर करने वाले दैनिक जागरण के रिपोर्टर धनजंय वर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। इस कार्यक्रम में उन्होंने सीआईएसएफ को प्राइवेट करने की नहीं, बल्कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की ट्रेनिंग देने की बात कही थी।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर आदर्श जनता पार्टी की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को 33 लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अमित शाह के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। अमित शाह के तीन महीने पुराने और आधे-अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि सीआईएसएफ निजी एजेंसियों को तैयार करने में मदद करेगी और उन्हें ट्रेनिंग देगी।
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