Fact Check: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 2019 में हुए प्रयागराज अर्धकुंभ की तस्वीर हरिद्वार कुंभ के नाम से की जा रही वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में हरिद्वार कुंभ को लेकर किया जा रहा ये दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2019 में हुए प्रयागराज अर्धकुंभ की है। हालांकि, ये बात सही है कि हरिद्वार कुंभ ऐसे वक्त में हो रहा है, जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन वायरल तस्वीर का हरिद्वार कुंभ से कोई लेना-देना नहीं है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोशल मीडिया यूजर्स कुंभ से जुड़ी एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वायरल तस्वीर हरिद्वार कुंभ की है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच काफी संख्या में यूजर्स तंजात्मक लहजे में इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2019 में हुए प्रयागराज अर्धकुंभ की है।

हालांकि, ये बात सही है कि हरिद्वार कुंभ ऐसे वक्त में हो रहा है, जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन वायरल तस्वीर का हरिद्वार कुंभ से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यह वायरल तस्वीर फैक्ट चेक के लिए मिली है। यूजर ने हमसे पूछा है कि यह तस्वीर हरिद्वार कुंभ से जुड़ी है या नहीं। यह तस्वीर ट्विटर जैसे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी वायरल है। ट्विटर यूजर Asrif Shah ने 7 अप्रैल 2021 को वायरल तस्वीर ट्वीट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, ‘यह भारत का कुंभ मेला है। दुनिया का सबसे बड़ा कोविड19 हॉटस्पॉट। भारत सरकार के मुताबिक। यह कोविड 19 को ठीक कर देगा।’

इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह फेसबुक यूजर Gufran Buland ने 8 अप्रैल 2021को इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘कुंभ मेला में कोविड प्रतिबंध।’

इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इस तस्वीर से मिलते-जुलते ढेरों परिणाम मिले। हमें यह वायरल तस्वीर 10 फरवरी 2019 को बिजनेस स्टैंडर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। यह रिपोर्ट 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ मेले पर आधारित है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

हमें यही वायरल तस्वीर 10 फरवरी 2019 को वन इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी मिली। यह रिपोर्ट 2019 के प्रयागराज कुंभ में आयोजित शाही स्नान पर आधारित है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये साफ हो चुका था कि वायरल तस्वीर का हरिद्वार में चल रहे कुंभ से कोई लेना-देना नहीं है। यह तस्वीर फरवरी 2019 से ही इंटनेट पर मौजूद है और तब दुनिया में कोविड-19 का संक्रमण फैला भी नहीं था। WHO के मुताबिक, कोविड-19 के संक्रमण का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में देखने को मिला था।

विश्वास न्यूज ने अबतक की पड़ताल से मिले क्लू के आधार पर वायरल तस्वीर के बारे में और सर्च किया। हमें यह तस्वीर 2019 के कुंभ मेले की आधिकारिक वेबसाइट पर भी मिली। इस तस्वीर को शाही स्नान के कैप्शन से अपलोड किया गया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के प्रयागराज एडिटोरियल डिपार्टमेंट के प्रमोद यादव के साथ साझा किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह तस्वीर प्रयागराज कुंभ की है। उन्होंने बताया कि कुंभ के लिए तट के पास इतना विस्तार सिर्फ प्रयागराज में ही है।

हालांकि, यह बात सही है कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच ही हरिद्वार में कुंभ मेला भी चल रहा है। 12 अप्रैल 2021 को हरिद्वार कुंभ में दूसरे शाही स्नान का आयोजन किया गया। इसकी तस्वीरों को यहां नीचे देखा जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरिद्वार कुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव होना अनिवार्य है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को गलत दावे संग शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Gufran Buland की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल दिसंबर 2010 में बनाई गई है और यूजर टोंक सिटी, राजस्थान के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में हरिद्वार कुंभ को लेकर किया जा रहा ये दावा भ्रामक निकला है। वायरल तस्वीर 2019 में हुए प्रयागराज अर्धकुंभ की है। हालांकि, ये बात सही है कि हरिद्वार कुंभ ऐसे वक्त में हो रहा है, जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन वायरल तस्वीर का हरिद्वार कुंभ से कोई लेना-देना नहीं है।

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