Fact Check : रूस के राष्ट्रपति पुतिन के पीछे नहीं लगाई गई अंबेडकर की तस्‍वीर, मॉर्फ्ड तस्‍वीर वायरल

एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कुछ लोगों के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। पुतिन के ठीक पीछे ऊपर की ओर डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्‍वीर को देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे सच मानकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक बार फिर से एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कुछ लोगों के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। पुतिन के ठीक पीछे ऊपर की ओर डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्‍वीर को देखा जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे सच मानकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस तस्‍वीर की जांच की थी। पड़ताल में पता चला कि एडिटिंग टूल की मदद से पुतिन की असली तस्‍वीर में अंबेडकर की तस्‍वीर को जोड़कर झूठ फैलाया जा रहा है। जांच में यह तथ्‍य सामने आया कि असली तस्‍वीर में रूसी राजकीय चिह्न कोट ऑफ आर्म्स है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर नरसी लाल हनोतिया ने 14 अप्रैल को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा, Russian President Mr. Vladimir Puttin has displayed Dr. B.R. Ambedkar’s photo in his office…a great honour for India.

तस्‍वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत ऑनलाइन टूल्‍स की मदद से की। गूगल रिवर्स इमेज टूल के जरिए असली तस्‍वीर को खोजना शुरू किया गया। सर्च के दौरान हमें कई ऐसी तस्‍वीरें मिलीं, जिसमें अंबेडकर की जगह दूसरे अन्‍य लोग नजर आए। मतलब साफ था कि पुतिन की तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके तस्‍वीर को वायरल किया जा रहा है।

सर्च के दौरान पुतिन की वायरल तस्‍वीर से मिलजी- जुलती तस्‍वीरें मिलीं। 27 नवंबर 2001 को एक न्‍यूज के साथ पब्लिश की गई इस तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि यह सिक्‍युरिटी काउंसिल सेशन की तस्‍वीर है।

सर्च के दौरान अलामी डॉट कॉम पर भी एक तस्‍वीर मिली। इसमें भी साफ देखा जा सकता है कि पुतिन के पीछे अंबेडकर की कोई तस्‍वीर नहीं लगी थी, बल्कि वहां लाल बैकग्राउंड में एक चिह्न चिन्‍ह को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल और रणनीतिक मामलों के विश्लेषक जे.एस.सोढ़ी से बात की। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि पुतिन के ऑफिस में अंबेडकर वाली तस्‍वीर पूरी तरह फेक है। तस्‍वीर में अंबेडकर की तस्‍वीर की जगह लाल रंग का लोगो रूस का ‘कोट ऑफ आर्म्स’ मौजूद है। इसे रूस के सभी सरकारी बिल्डिंग, रूसी सेना और पासपोर्ट में उपयोग किया जाता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पुतिन के उस ऑफिस के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया, जो वायरल तस्‍वीर में नजर आ रहा है। कीवर्ड सर्च से इस ऑफिस की तस्‍वीर रूस के राष्‍ट्रपति की वेबसाइट पर मिली। इसमें बताया गया कि प्रेसिडेंट एक्‍यूटिव ऑफिस में ही स्‍टेट काउंसिल ऑफिस के नाम से एक अलग विभाग बनाया गया। इसका गठन 1992 को किया गया।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर नरसी लाल हनोतिया की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर राजस्‍थान के कोटा का रहने वाला है। इसके एक हजार से ज्‍यादा फेसबुक फ्रेंड हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल तस्‍वीर फर्जी साबित हुई। रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मीटिंग की तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके उनके पीछे डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो अलग से लगाई गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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