Fact Check: नोटों पर कुछ लिखे होने से उसके अवैध या अमान्य होने का दावा गलत और मनगढ़ंत

करेंसी नोटों पर कुछ लिखा होने से उसके अवैध और अमान्य हो जाने का दावा फेक है। इस बारे में आरबीआई की तरफ से ऐसा कोई भी दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। आरबीआई अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लोगों से नोटों को साफ-सुथरा बनाए रखने की अपील करता है, लेकिन नोटों पर कुछ लिखे जाने भर से वह अवैध या अमान्य नहीं हो जाता है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हवाले से दावा किया जा रहा है कि उसके नए दिशानिर्देशों के मतुाबिक, किसी भी नए नोट पर कुछ भी लिखने से वह अवैध और अमान्य हो जाएगा। साथ ही मैसेज को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की अपील की जा रही है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। आरबीआई की तरफ से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। आरबीआई अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लोगों से नोटों को स्टेपल नहीं करने और उस पर कुछ नहीं लिखने की अपील करता है, लेकिन अगर किसी नोट पर कुछ लिखा गया है, तो वह अमान्य और अवैध नहीं हो जाएगा, बल्कि उसकी वैधता अन्य सामान्य नोटों की ही तरह बनी रहेगी।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Rajesh Bendre’ ने वायरल ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”As per New Guidelines Reserve Bank of India, Writing any thing on new notes makes the note invalid and it will no more be legal tender. Just like US Dollars. If you write anything on US dollars it is not accepted by anyone. Just forward to maximum people, so that the indian public understands the importance of this message.”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल पोस्ट

सोशल मीडिया पर यह मैसेज पहली बार वायरल नहीं हुआ है। इससे पहले भी समय-समय पर यह मैसेज वायरल होता रहा है।

पड़ताल

अगर आरबीआई किसी नए दिशानिर्देश की घोषणा करता, जो नोटों के अवैध या अमान्य होने से संबंधित है, तो वह न केवल आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद होता, बल्कि विभिन्न न्यूज पोर्टल्स पर यह खबर भी होती। सर्च में हमें दोनों जगह ऐसी कोई अधिसूचना की जानकारी नहीं मिली, जिसमें यह कहा गया है कि नोट पर कुछ भी लिखा होने से वह अवैध या अमान्य हो जाएगा।

वायरल पोस्ट को लेकर विश्वास न्यूज ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रवक्ता से संपर्क किया। उन्होंने इस मैसेज को फेक बताते हुए कहा, ”आरबीआई की तरफ से ऐसा कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है।”

साफ-सुथरे और गंदे नोटों से संबंधित नीति या दिशानिर्देशों को लेकर हमने आरबीआई की वेबसाइट को चेक किया। आरबीआई की वेबसाइट पर मौजूद FAQ सेक्शंस में हमें इसका जवाब मिला, जो ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के बारे में है।

Source-RBI

‘क्लीन नोट पॉलिसी’ क्या है, का जवाब देते हुए आरबीआई ने बताया है, ”भारतीय रिजर्व बैंक जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोट उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इस कोशिश में भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकिंग प्रणाली की मदद करने के लिए, जनता से निम्नलिखित को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है:

बैंक नोटों को स्टेपल न करें।

बैंक नोटों पर कुछ लिखें नहीं या उस पर कोई रबर स्टाम्प या कोई अन्य निशान न लगाएं।

माला/खिलौने बनाने, पंडाल और पूजा स्थलों को सजाने या सामाजिक आयोजनों आदि में व्यक्तियों को माला पहनाने के लिए नोटों का उपयोग न करें।”

अगले सवाल में ऐसे नोटों के बारे में पूछा गया है, जिसका जवाब देते हुए कहा गया है कि महात्मा गांधी सीरीज (नई) सीरीज समेत सभी बैंक नोट्स जिन पर कुछ लिखा हुआ है, या दाग धब्बे लगे हुए हैं, वह मान्य होंगे और ऐसे नोटों को किसी भी बैंक ब्रांच में जमा किया जा सकता है या उसकी अदला-बदली की जा सकती है।

Source-RBI

कुछ हफ्तों पहले ऐसा ही एक पोस्ट वायरल हुआ था, जिसमें यह दावा किया गया था कि एक जनवरी 2023 से एक हजार रुपये का नोट आने वाला है और 2000 रुपये के नोट वापस कर लिए जाएंगे। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को तथ्यहीन पाया था, जिसके फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

भारतीय नोटों और बैकिंग लेन-देन से संबंधित भ्रामक दावों की पड़ताल करती विश्वास न्यूज की अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।

निष्कर्ष: करेंसी नोटों पर कुछ लिखा होने से उसके अवैध और अमान्य हो जाने का दावा फेक है। इस बारे में आरबीआई की तरफ से ऐसा कोई भी दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। आरबीआई अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लोगों से नोटों को साफ-सुथरा बनाए रखने की अपील करता है, लेकिन नोटों पर कुछ लिखे जाने भर से वह अवैध या अमान्य नहीं हो जाता है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के लिहाज से 2022 उतार-चढ़ाव से भरा रहा और इस दौरान विश्वास न्यूज ने करीब 1500 से अधिक फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को प्रकाशित किया, जिनका विश्लेषण 2022 के Misinformation Trends की जानकारी देता है। विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

False
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