Fact Check : आलिया ने पीएम मोदी व भाजपा को लेकर नहीं दिया वायरल बयान, फर्जी है वायरल पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में आलिया भट्ट के नाम से वायरल बयान फर्जी साबित हुआ। उन्‍होंने भाजपा और पीएम मोदी को लेकर वायरल बयान नहीं दिया।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। बॉलीवुड फिल्‍मों के बहिष्‍कार के बीच ‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्‍म सिनेमा के बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई। फिल्‍म की मुख्‍य अभिनेत्री आलिया भट्ट को लेकर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें उनकी एक तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया गया कि उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ बयान दिया है। इस पोस्‍ट में बीबीसी न्‍यूज हिंदी के लोगो का भी इस्‍तेमाल किया गया है। जिसके कारण सोशल मीडिया यूजर्स इसे आलिया का असली बयान समझकर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने इस पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। पड़ताल में यह पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई। आलिया की ओर से कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया। बीबीसी हिंदी की ओर से भी ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर उमेश गुप्‍ता ने 3 सितंबर को एक पोस्‍ट में लिखा : ‘बॉलीवुड का अहंकार है कि जा ही नही रहा। इनलोगों से जुडे सभी का बहिष्कार आवश्यक हो गया है फिल्म हो, टेलीमिडिया हो, क्रिकेट हो या विज्ञापन हो। पुर्णतः बहिष्कार।’

इस पोस्‍ट के सपोर्ट में आलिया के एक फर्जी बयान का इस्‍तेमाल किया गया।

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस पोस्‍ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल ओपन सर्च टूल से की। सबसे पहले आलिया के कथित बयान के आधार पर कीवर्ड बनाए गए। फिर इन्‍हें गूगल में सर्च किया गया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्‍ट की सत्‍यता की पुष्टि करती हो। यदि आलिया की ओर से ऐसा बयान दिया जाता तो वह जरूर मीडिया की सुर्खियां बनता।

जांच को आगे बढ़ाते हुए बीबीसी हिंदी की वेबसाइट को खंगाला गया। वहां भी हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। सर्च के दौरान हमें जरूर बीबीसी हिंदी के सोशल मीडिया हैंडल पर वायरल पोस्‍ट का खंडन मिला। 7 सितंबर को बीबीसी न्‍यूज हिंदी की ओर से पोस्‍ट किया गया : ‘अभिनेत्री आलिया भट्ट का बयान बताते हुए इसे बीबीसी हिंदी के नाम से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इसमें बीबीसी हिंदी के लोगो का भी इस्तेमाल किया गया है. लेकिन ये फ़ेक है और इसका बीबीसी हिंदी से कोई संबंध नहीं है.’ इस बयान को बीबीसी हिंदी के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट को लेकर बीबीसी हिंदी के संपादक मुकेश शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट फेक है।

मुंबई में बॉलीवुड को कवर करने वालीं दैनिक जागरण की वरिष्‍ठ पत्रकार स्मिता श्रीवास्‍तव ने भी इसे फेक बताया।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर उमेश गुप्‍ता के 3600 से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। इस अकाउंट को फॉलो करने वालों की तादाद 2765 है।

विश्‍वास न्‍यूज बॉलीवुड फिल्‍मों के बहिष्‍कार से जुड़ी कई फर्जी पोस्‍टों की जांच कर चुका है। इन रिपोर्ट को आप यहां, यहां और यहां पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में आलिया भट्ट के नाम से वायरल बयान फर्जी साबित हुआ। उन्‍होंने भाजपा और पीएम मोदी को लेकर वायरल बयान नहीं दिया।

False
Symbols that define nature of fake news
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