Fact Check: अलास्का के पिघलते ग्लेशियर की तस्वीर उत्तराखंड के नाम पर की जा रही वायरल

उत्तराखंड में हालिया आपदा के नाम से वायरल तस्वीर असल में अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर की है। इस तस्वीर को लेकर वायरल हो रहा दावा गलत है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की हालिया घटना के बाद सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे उत्तराखंड की हालिया त्रासदी से जोड़ा जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। अलास्का में ग्लेशियर पिघलने की घटना को उत्तराखंड से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये वायरल तस्वीर फैक्ट चेक के लिए मिली है। तस्वीर किसी फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट है। हमें कीवर्ड्स से सर्च करने पर यह फेसबुक पोस्ट भी मिल गई। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इस तस्वीर में एक पिघलता ग्लेशियर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इस तस्वीर को क्रॉप कर इसपर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इस वायरल तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। गूगल सर्च रिजल्ट में इस तस्वीर के किसी मेंडेनहॉल ग्लेशियर के पिघलने से जुड़े होने की संभावना बताई गई। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

सर्च रिजल्ट में हमें यह वायरल तस्वीर हाई कंट्री न्यूज (hcn.org) की वेबसाइट पर 18 जुलाई 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। यह रिपोर्ट अलास्का में पिघलते ग्लेशियरों पर आधारित है। इस तस्वीर के कैप्शन में इसे अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर का दृश्य बताया गया है। यहां तस्वीर का क्रेडिट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर को दिया गया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमें यह तस्वीर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर की वेबसाइट पर 21 फरवरी 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। इस रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर को अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर से ही संबंधित बताया गया है। यहां फोटो क्रेडिट द नेशनल साइंस फाउंडेशन, Durelle Scott को दिया गया है।

इस नई जानकारी के आधार पर हमने इस संबंध में इंटरनेट पर सर्च किया। हमें नेशनल साइंस फाउंडेशन की वेबसाइट (nsf.gov) पर मल्टीमीडिया गैलरी में यही वायरल तस्वीर मिली। 18 मार्च 2010 को प्रकाशित इस मल्टीमीडिया गैलरी में यही तस्वीर मिली। यहां भी इसे अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर की तस्वीर बताया गया है।

हमारी अबतक की पड़ताल से ये साबित हो चुका था कि ये तस्वीर हालिया उत्तराखंड त्रासदी की नहीं, बल्कि अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर की है। वायरल तस्वीर एक दशक से अधिक समय से इंटरनेट पर मौजूद है।

इस मामले की आगे पड़ताल के लिए हमने दैनिक जागरण के चमोली ब्यूरो चीफ देविंदर रावत से संपर्क किया। हमने इस वायरल तस्वीर को उनके साथ साझा किया। देविंदर रावत चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे को कवर कर रहे हैं। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये तस्वीर चमोली आपदा से जुड़ी हुई नहीं है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले पेज The Northeast Journal को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 43817 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: उत्तराखंड में हालिया आपदा के नाम से वायरल तस्वीर असल में अलास्का के मेंडेनहॉल ग्लेशियर की है। इस तस्वीर को लेकर वायरल हो रहा दावा गलत है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट