Fact Check : अयोध्‍या से जोड़कर वायरल की जा रही है ट्रक में बैठे लोगों की काल्‍पनिक तस्‍वीर

ट्रक में बैठे लोगों की वायरल तस्वीर असली नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्‍या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफार्म पर राम मंदिर, अयोध्‍या को लेकर कई प्रकार की भ्रामक और फर्जी तस्‍वीरें, वीडियो और मैसेज भी शेयर किए जा रहे हैं। अब एक तस्‍वीर को वायरल करके झूठ फैलाने की कोशिश की जा रही है। इस तस्‍वीर में एक ट्रक पर लोगों को खचाखच तरीके से भरे हुए दिखाया गया है। पोस्ट में इस तस्वीर को अयोध्या के राम मंदिर जाते भक्तों का बताते हुए शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस पोस्ट को फर्जी पाया। जांच में सामने आया कि यह तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से बनाई गई है।  

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Sadhu Nahi Sant Hu’ (साधु नहीं संत हूं) ने 26 दिसंबर को वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “22 जनवरी, चलो अयोध्या धाम। जय श्रीराम.”

पड़ताल

वायरल पोस्ट में नजर आ रहा विजुअल सामान्य नजर नहीं आ रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक ट्रक में इतने सारे लोगों के बैठने की ऐसी व्यवस्था करना मुमकिन नहीं लगता। रिवर्स इमेज सर्च में भी हमें इस तस्वीर का कोई आधिकारिक स्रोत नहीं मिला।

तस्वीर को ठीक से देखने पर इसमें कई कमियां नजर आती हैं। इसमें किसी भी व्यक्ति का चेहरा साफ नहीं दिख रहा। साथ ही, जितनी व्यवस्था के साथ ये लोग बैठे हैं, असली ट्रक में ऐसे बैठ पाना संभव नहीं है।

इसके बाद, हमने इस तस्वीर को एआई की मदद से बनी तस्वीरों का पता लगाने वाले टूल AI or Not की मदद से चेक किया। ऐसा करने पर इसके एआई से बने होने की संभावना 89% निकली।  

इस बारे में पुष्टि के लिए हमने एआई आर्टिस्ट भार्गव वलेरा से संपर्क करके उनको वायरल तस्वीर भेजी। उन्होंने कहा, ”  इस तस्वीर को एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया गया है। ऐसे डाइमेंशन्स असल में मुमकिन नहीं हैं । तस्वीर में किसी भी व्यक्ति का चेहरा नहीं दिख रहा है। साथ ही, ट्रक का नंबर भी गायब है।”

वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के 2 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: ट्रक में बैठे लोगों की वायरल तस्वीर असली नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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