Fact Check: ओणम त्योहार के नाम से वायरल हो रही फूलों से सजे रेलवे स्टेशन की यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है।

नई दिल्ली विश्वास न्यूज़। इंटरनेट की दुनिया में इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बनाई गईं तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। इन तस्‍वीरों के कारण कई बार एआई जेनरेटेड फोटो को भी लोग सच मान लेते हैं। इसी तरह सोशल मीडिया पर फूलों से सजे एक रेलवे स्टेशन और ट्रेन की तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह ‘केरल के एक रेलवे स्टेशन की तस्वीर है, जिसे ओणम के लिए विशेष रूप से सजाया गया है। पटरियों के पास के फूल असली हैं और  इस अवसर के लिए विशेष रूप से लगाए गए हैं।’

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर एआई जेनरेटेड  है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज ‘Ashok Sindhu’ ने  27 अगस्त को इस तस्वीर को शेयर किया और लिखा “This is a picture of a railway station in Kerala specially decorated for Onam. The flowers near the tracks are real and  have been planted specially for the occasion.  Onam being celebrated from 20 August to 2 September ” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “यह केरल के एक रेलवे स्टेशन की तस्वीर है जिसे ओणम के लिए विशेष रूप से सजाया गया है। ट्रैक के पास के फूल असली हैं और इस अवसर के लिए विशेष रूप से लगाए गए हैं। ओणम 20 अगस्त से 2 सितंबर तक मनाया जा रहा है।”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।                                                         

पड़ताल

वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें यह तस्वीर Aneesh Chakkottil नाम के फेसबुक यूजर के पेज पर 29 जुलाई को अपलोड मिली। इस तस्वीर के साथ किये गए कुछ कमेंट्स  में अनीश चक्कोटिल  ने बताया था कि तस्वीर असल में एआई जेनरेटेड  है, यानी की इसे कंप्यूटर ग्राफिक्स से या किसी टूल को कमांड देकर तैयार किया गया है।

हमने इस विषय में अनीश चक्कोटिल से मैसेज के ज़रिये संपर्क साधा। उन्होंने बताया, “यह एक एआई जनरेटेड इमेज है, जिसे मैंने मिडजर्नी और फोटोशॉप जैसे टूल्स का इस्तेमाल करके बनाया था। मैं केरल का रहने वाला हूँ और अभी यूएई में एक एडवरटाइजिंग एजेंसी चला रहा हूँ। मैंने इस तस्वीर को वैसे बनाया, जैसा मैं अपने देश को एक दिन देखना चाहता हूँ।”

वायरल तस्वीर को केरल का बताया गया। हमने कीवर्ड से सर्च किया कि क्या किसी रेलवे स्टेशन के सजाये जाने की खबर आउटलेट द्वारा कैप्चर की गयी थी। हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को एआई डिटेक्टर वेबसाइट huggingface.co पर अपलोड किया, जिसमें तस्वीर के एआई होने की 74 % संभावना दिखी। एआई डिटेक्टर वेबसाइट aiornot.com  ने भी इस तस्वीर को एआई जेनरेटेड बताया।

हमने इस विषय में जानकारी हासिल करने के लिए दैनिक जागरण की वीडियो टीम के ग्राफ़िक एनिमेटर संजय जेमिनी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह तस्वीर साफ़ तैर पर एडिटेड है। फूलों को करीब  से देखने पर पता चलता है कि ये असली नहीं है। ध्यान से देखने पर तस्वीर में कई लूप होल्स दिख जाते हैं। जैसे ट्रेन के ऊपर लिखा नाम साफ़ तौर पर एडिट करके लिखा गया है। ट्रेन के किनारे खड़ी जनता में रिपीटिटीव पैटर्न दिख रहा है। साथ ही, ट्रेन ट्रैक के इतने पास ऐसी फूलों की क्यारियां लगाना पॉसिबल नहीं है। ट्रेन  की गति से वे उजड़ जाएंगी।”

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले पेज की जांच की। जांच में पता चला Ashok Sindhu फेसबुक यूजर  को 1500 से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। असल में यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है।

False
Symbols that define nature of fake news
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