मिस्र के विशालकाय ममी का बताकर वायरल की जा रही इमेज वास्तविक नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गयी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बड़े-से कंकाल के साथ कुछ लोगों को बैठे देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये 1920 में हॉवर्ड कार्टर द्वारा खोजे गए विशालकाय फैरो की ममी की तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस पोस्ट को गलत पाया। वायरल पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर एआई क्रिएटेड है।
फेसबुक यूजर ‘आर ऐ यादव‘ ने 4 फरवरी को वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा, “1920 के दशक के मिस्र के कब्र उत्खनन में हावर्ड कार्टर द्वारा विशालकाय फारोओ की मम्मियां पाई गईं थीं #ancient #pharaohs #इतिहास #rayadav #virals”
वायरल पोस्ट की जांच के लिए हमने तस्वीर को गौर से देखा। तस्वीर देखने में असामान्य नजर आ रही थी। तस्वीर में मौजूद किसी एक व्यक्ति का चेहरा भी साफ नजर नहीं आ रहा। सामने चेहरा करे व्यक्ति की आँख और हाथ भी ब्लर्र हैं। यहाँ से हमें इस तस्वीर के AI क्रिएटेड होने का अंदेशा है।
हमने इस तस्वीर को एआई टूल की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल हाइव मॉडरेशन की मदद से चेक किया। इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9% निकली।
तस्वीरों को चेक करने वाले एक दूसरे टूल ए आई और नॉट पर भी इस तस्वीर को एआई से बना बताया गया।
इस बारे में पुष्टि के लिए हमने एआई एक्सपर्ट डॉ. अजहर माकवे के साथ शेयर की। उन्होंने बताया, “यह फर्जी है, क्योंकि जब आप पूरी तस्वीर देखेंगे तो आपको दाढ़ी और चेहरे सही दिखेंगे। पर जब आप ज़ूम करते हैं तो आप देख सकते हैं कि दाढ़ी और चेहरा धुंधला हो गया है और आकार भी बिगड़ गया है।एआई से बनी तस्वीरों के साथ यह अक्सर देखा जाता है कि ये ऊपरी तौर पर सही लगती हैं, पर गौर से देखने पर इनमें बहुत-सी कमियां होती हैं।”
अब ये तो साफ़ था कि ये तस्वीर असली नहीं है और एआई से बनी है, मगर हमें जानना था कि क्या हॉवर्ड कार्टर ने 1920 के दशक में कोई विशालकाय ममी खोजा था? कीवर्ड सर्च के दौरान हमने पाया कि ब्रिटिश पुरातत्वविद हॉवर्ड कार्टर ने 1922 में फैरो तूतनखामुन के प्राचीन मिस्र के मकबरे की खोज की थी, जिसके अंदर के तूतनखामुन का ममी बरामद हुआ था।
इसके बाद हमने तूतनखामुन के ममी की लंबाई-चौड़ाई के बारे में ढूंढा। हमने पाया कि तूतनखामुन के ममी की लंबाई 5 फीट, 6 इंच थी।
इसके बाद हमने अब तक खोजे गए सभी ममी की लंबाई-चौड़ाई के बारे में ढूंढा मगर हमें कहीं भी इतने विशालकाय ममी के मिलने की कोई खबर नहीं मिली।
वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर आर ए यादव अपनी प्रोफाइल में स्वयं को पटना का रहने वाला बताया है। उनके फेसबुक पर 34 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: मिस्र के विशालकाय ममी का बताकर वायरल की जा रही इमेज वास्तविक नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गयी है।
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