वाराणसी में कोर्ट में वकीलों ने विवाद के बाद पेशकार की पिटाई कर दी थी। इस घटना के वीडियो को एसडीएम का बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। वाराणसी के कोर्ट के नाम से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को एक शख्स को पीटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वाराणसी कोर्ट में वकीलों ने एसडीएम को पीट दिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया। दरअसल, वकीलों ने एसडीएम के पेशकार से विवाद के बाद मारपीट की थी। इस मामले में दोनों तरफ से पुलिस को शिकायत दी गई थी।
फेसबुक यूजर ‘एडवोकेट ब्रजेश कुशवाहा फर्रुखाबाद‘ (आर्काइव लिंक) ने 20 जुलाई को वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“काशी के एक कोर्टरूम में वकीलों ने SDM साहब को उनकी ही कोर्ट में कूट दिया।“
वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर 9 जुलाई को छपी खबर में लिखा है कि मामला राजातालाब तहसील का है। वहां वकीलों ने एसडीएम न्यायिक के पेशकार की घूस लेने का आरोप लगाते हुए पिटाई कर दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। दोनों पक्षों की ओर से राजातालाब तहसील में शिकायत दी गई है।
एक्स यूजर Satyanarayan Maurya ने इस वीडियो के साथ किए जा रहे दावे को फेक बताया है। साथ ही उन्होंने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाली यूजर के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
इसके जवाब में वाराणसी के गोमती जोन डीसीपी की तरफ से जानकारी दी गई है कि राजातालाब थाने में इसको लेकर केस दर्ज कर लिया गया है।
आजतक की वेबसाइट पर 19 जुलाई को छपी खबर में वायरल वीडियो पेशकार और वकीलों के बीच हुए विवाद का बताया गया है।
दैनिक जागरण के वाराणसी संस्करण में 11 जुलाई को छपे अंक में लिखा है कि 9 जुलाई को एक केस के मामले में वकीलों की पेशकार से विवाद के बाद मारपीट हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने पेशकार प्रशांत सोनकर की शिकायत पर चार वकीलों सर्वजीत भारद्वाज, मनोज भारद्वाज, मनोज राजभर और राकेश राजभर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। इसको लेकर वकीलों ने पेशकार पर मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रदर्शन किया।
15 जुलाई को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि राजातालाब तहसील में वकीलों और पेशकार में हुए विवाद को सुलझा लिया गया है। इसमें वकीलों ने माफी मांगने पर सहमति जताई, जबकि पेशकार ने केस वापस लेने पर मंजूरी दे दी है।
इस मामले में गोमती जोन के डीसीपी मनीष शांडिल्य का कहना है कि वकीलों का विवाद एसडीएम के साथ नहीं, बल्कि पेशकार के साथ हुआ था।
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। अमृतपुर के रहने वाले यूजर के करीब 8400 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: वाराणसी में कोर्ट में वकीलों ने विवाद के बाद पेशकार की पिटाई कर दी थी। इस घटना के वीडियो को एसडीएम का बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
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