बांग्लादेश में तोड़फोड़ की घटना और इसमें शामिल लोगों को सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने की घटना के वीडियो को भारत के नाम पर भारतीय सेना की कार्रवाई से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर सेना की कार्रवाई के एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह भारत की घटना है, जहां कुछ उपद्रवियों का सामना भारतीय सेना के जवानों से हुआ और सेना के जवानों को देखते हुए उन्होंने तुरंत ही घुटने टेक दिए और फिर सेना के जवानों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत है। वायरल हो रहा वीडियो भारत की किसी घटना से संबंधित नहीं है, बल्कि बांग्लादेश की घटना का है, जिसे भारत के नाम पर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Sukhdev Gujar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “*क्यूँ ना करें हम अपनी #इंडियन_आर्मी पर गर्व….*पता नहीं यहां दो लोग किस मकसद से आए और तोड़फोड़ करने लगे,लेकिन तभी इंडियन आर्मी वहां से गुजर रही थी और उसके बाद जो हुआ आप वीडियो में देखिए,आपको क्या लगता है अगर आर्मी की जगह राज्य के पुलिस वाले होते तो क्या यह लोग सरेंडर करते…?य़ह विडियो बहुत तेज़ी से वायरल हो रहा है कहाँ का विडियो है अभी पता नहीं चल पाया है! समझिए देश के लिए आर्मी कितनी जरूरी है।।*इंडियन आर्मी**अग्निवीर**जयहिंद*”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो में नजर आ रहा विजुअल, सड़कों पर चलने वाली टैक्सी और सेना के जवानों की वर्दी भारतीय सेना के यूनिफॉर्म से नहीं मिलती है, जो इस वीडियो के अन्य देश से संबंधित होने के बारे में जानकारी देता है।
वीडियो के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया और सर्च में हमें यह वीडियो बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल ‘ढाका पोस्ट’ के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।
हमें इस घटना से संबंधित रिपोर्ट ढाका पोस्ट.कॉम की वेबसाइट पर भी लगी मिला, जिसे 17 अगस्त 2024 को प्रकाशित किया गया है।
17 अगस्त 2024 को अपलोड किए गए वीडियो के मुताबिक, यह घटना बांग्लादेश के फरीदपुर की है, जहां दो पक्षों के बीच हुई झड़प के बाद सेना ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों का नाम तुतुल हुसैन और दुखु मिया है, जिन्हें गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने जेल भेज दिया।
हमें यह रिपोर्ट अन्य बांग्लादेशी न्यूज पोर्टल पर भी लगी मिली, जिसे 18 अगस्त को प्रकाशित किया गया है। नीचे दर्शाए गए कोलाज में हम वायरल वीडियो में नजर आ रहे जवान की वर्दी और बांग्लादेशी सेना के यूनिफॉर्म को देख सकते हैं, जो बिल्कुल समान है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने बांग्लादेशी फैक्ट चेकर तौसिफ अकबर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वीडियो में नजर आ रहे जवान बांग्लादेश की आर्मी के सैनिक हैं। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे से शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार लोग फॉलो करते हैं।
बांग्लादेश से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है। इससे पहले एक अन्य वायरल वीडियो के जरिए बांग्लादेश के एयरपोर्ट पर भारतीय सेना की मौजूदगी का दावा किया गया था, जिसे हमने अपनी जांच में फेक पाया था। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: बांग्लादेश में तोड़फोड़ की घटना और इसमें शामिल लोगों को सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने की घटना के वीडियो को भारत के नाम पर भारतीय सेना की कार्रवाई से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
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