विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह अबोरिजिनल रॉक आर्ट ऑस्ट्रेलिया की तस्वीर है, छत्तीसगढ़ के चारामा गुफा की नहीं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक रॉक आर्ट की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें कुछ जीव-जंतु जैसी चीज़ों को बने हुए देखा जा सकता है। फोटो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर दावा कर रहे हैं कि यह छत्तीसगढ़ के चारामा में पायी गयी एलियंस और यूएफओ की 10 हज़ार साल पुरानी रॉक आर्ट है। विश्वास न्यूज़ ने जब इस पोस्ट की पड़ताल की तो हमने पाया कि यह दावा भ्रामक है। यह अबोरिजिनल रॉक आर्ट ऑस्ट्रेलिया की तस्वीर है।
फेसबुक यूजर ने पोस्ट को अपलोड किया, जिसमें रॉक आर्ट बनी हुई देखी जा सकती है। इसमें फोटो के ऊपर ‘एलियन रॉक पेंटिंग’ और फोटो के नीचे लिखा है, ‘यह छत्तीसगढ़ के चारामा में पायी गयी एलियंस और यूएफओ की 10 हज़ार साल पुरानी रॉक पेंटिंग्स हैं।
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये वायरल फोटो को सर्च किया। सर्च में हमें अमेज़न डॉट कॉम की वेबसाइट पर यह तस्वीर नज़र आई और साथ में इसके कीवर्ड में, ‘Australian Aboriginal Art’ लिखा हुआ दिखा।
इसी बुनियाद पर अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कीवर्ड के सहारे ओपन सर्च किया और हमें campertrailerlifestyle नाम की वेबसाइट पर यह वायरल तस्वीर मिली। यहाँ पर दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘यह ऑस्ट्रेलिया के काकाडु नेशनल पार्क के नौरलांजी रॉक आर्ट साइट की तस्वीर है।
नेशनल पार्क ऑस्ट्रेलिया की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी हमें काकाड़ु नेशनल पार्क में नौरलांजी रॉक आर्ट की यह तस्वीर मिली। यहाँ दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘यह तीन मुख्य साइट्स का एक कलेक्शन है, जिसमें बुरुंगकुई (नौरलांजी), कुनवार्डवार्डे लुकआउट और अनबैंगबैंग शेल्टर शामिल हैं।’
अब तक की पड़ताल से यह तो साफ़ था कि यह फोटो छत्तीसगढ़ की नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के रॉक की है। हालांकि, हमने गूगल न्यूज़ सर्च के ज़रिये यह जानने की कोशिश कि क्या छत्तीसगढ़ के चारामा गुफा में कोई दस हज़ार साल पुरानी रॉक आर्ट मिली है। सर्च किये जाने पर हमें 5 अगस्त 2018 का द स्टेटमैन का एक आर्टिकल लगा, जिसमे दी गयी जानकारी के मुताबिक, ‘आदिवासी बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिले के चारामा में घने जंगल के भीतर गुफाओं में यूएफओ को दर्शाने वाले 10,000 साल पुराने रॉक पेंटिंग की खोज की गई है।”
वायरल फोटो में किये जा रहे दावे से जुडी पुष्टि के लिए विश्वास न्यूज़ ने हमारे साथी नईदुनिया के कांकेर के रिपोर्टर वेद प्रकाश मिश्रा से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने हमें बताया कि कांकेर ज़िले के ही अंतर्गत चारामा क्षेत्र आता है। यह कांकेर पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका है। यहाँ अक्सर रॉक आर्ट मिलते रहते हैं, लेकिन जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह यहाँ की नहीं है।
अब बारी थी फजी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Republink की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज को 2,182 लोग फॉलो करते हैं और इसे 11 अगस्त 2021 को बनाया गया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि इस तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह अबोरिजिनल रॉक आर्ट ऑस्ट्रेलिया की तस्वीर है, छत्तीसगढ़ के चारामा गुफा की नहीं।
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