भारत में सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नाम से वायरल हो रहा पोस्ट फेक है, जिसमें भारत की तर्ज पर पाकिस्तान में भी सीएए कानून लाने की घोषणा की गई है। इस पोस्ट को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की तरफ से भारतीय सीएए की तरह किसी कानून को बनाए जाने की घोषणा नहीं की गई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लागू होने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नाम से उनके एक्स (ट्विटर) पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय सीएए के जवाब में पाकिस्तान सरकार भी ऐसा ही कानून लाने जा रही है, जिसके तहत भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुस्लिमों को वहां की नागरिकता दी जाएगी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। शहबाज शरीफ के नाम से वायरल हो रहा यह पोस्ट फेक है, जिसे एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। साथ ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की तरफ से भारतीय सीएए की तरह किसी कानून को बनाए जाने की घोषणा नहीं की गई है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Krishna Mishra’ ने अपनी प्रोफाइल से इस पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट (आर्काइव लिंक) को समान दावे के साथ शेयर किया है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया है।
वायरल पोस्ट में शहबाज शरीफ के एक्स (पूर्व में ट्विटर) का जिक्र है, जिसे 11 मार्च को शाम सात बजकर 46 मिनट पर पोस्ट किया गया है। लेकिन शहबाज शरीफ के आधिकारिक अकाउंट पर हमें ऐसा कोई पोस्ट नहीं मिला। उनके आधिकारिक अकाउंट से सबसे हालिया पोस्ट 10 मार्च को दोपहर बाद किया गया है, जिसमें उन्होंने मालदीव के प्रधानमंत्री को उनके प्रधानमंत्री निर्वाचित होने की बधाई का शुक्रिया अदा किया है।
ट्विटर पोस्ट का एनालिसिस करने वाले टूल सोशल ब्लेड की मदद से हमने इस प्रोफाइल को चेक किया। इसके मुताबिक, शहबाज शरीफ के आधिकारिक हैंडल से नौ मार्च को आठ और 10 मार्च को कुल चार पोस्ट किया गया है। इसके बाद से इस हैंडल से न तो पोस्ट किया गया है और न ही किसी पोस्ट को डिलीट किया गया है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि शहबाज शरीफ के नाम से वायरल हो रहा पोस्ट क्रिएटेड और फेक है। वायरल पोस्ट को लेकर हमने पाकिस्तान स्थित फैक्ट चेक लुब्ना जरार नकवी से संपर्क किया। उन्होंने इसे फेक बताते हुए कहा, “शहबाज शरीफ की तरफ से ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया है।”
गौरतलब है कि संसद ने 11 दिसंबर 2019 को नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 को पारित कर दिया था। इस कानून के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक रूप से उत्पीड़ित हिंदू, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर नागरिकता देने के लिए लाया गया था।
इसके बाद सरकार ने 12 दिसंबर 2019 को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था, क्योंकि इसके लिए जरूरी नियमों का निर्माण नहीं पाया था।
अब केंद्र सरकार ने 11 मार्च को अधिसूचना जारी करते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू कर दिया है।
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष:भारत में सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नाम से वायरल हो रहा पोस्ट फेक है,जिसमें भारत की तर्ज पर पाकिस्तान में भी सीएए कानून लाने की घोषणा की गई है। इस पोस्ट को एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की तरफ से भारतीय सीएए की तरह किसी कानून को बनाए जाने की घोषणा नहीं की गई है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।