Fact Check: RSS की आलोचना के दावे के साथ आडवाणी के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट FAKE और क्रिएटेड है

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम से वायरल हो रहा कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है, जिसे एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। लालकृष्ण आडवाणी का एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक ग्राफिक्स को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से किया गया ट्वीट है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को समर्थन दिए जाने को लेकर अफसोस जाहिर किया है। साथ ही ट्वीट में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भी आलोचना की गई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा ग्राफिक्स क्रिएटेड है, जिसे एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। लालकृष्ण आडवाणी का एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है। आडवाणी के नाम से फेक ट्वीट का यह स्क्रीनशॉट समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश’ ने वायरल ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “भाजपा के दिग्गज नेता आदरणीय आडवाणी जी का जमीर जाग चुका है
अंध भक्तों तुम लोग बताओ तुम्हारा कब जागेगा।”

सोशल मीडिया पर लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर वायरल हो रहा फेक ग्राफिक्स।

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस ग्राफिक्स को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल ग्राफिक्स में लालकृष्ण आडवाणी के नाम के एक्स (ट्विटर) हैंडल से किए गए कथित ट्वीट को शेयर किया गया है, जिसका हैंडल @LK_Adwani है। सर्च में हमें ऐसा कोई हैंडल ट्विटर पर नहीं मिला। यह हैंडल अब एक्स पर मौजूद नहीं है।

लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर बना फेक एक्स अकाउंट, जो अब डिलीट हो चुका है।

लालकृष्ण आडवाणी का आधिकारिक नाम ‘Lal Krishna Advani’ है, जबकि वायरल ग्राफिक्स में हैंडल में नजर आ रहे नाम “LK_Adwani” में आडवाणी में वी की जगह डब्ल्यू लिखा हुआ है। स्पष्ट है कि उनके नाम पर बना यह ट्वीट फेक है।

दूसरा लालकृष्ण आडवाणी का एक्स पर कोई आधिकारिक हैंडल नहीं है। हाल ही में 15 अगस्त को झंडा फहराते हुए उनकी तस्वीर सामने आई थी, जिसमें उन्हें अपनी बेटी के साथ देखा जा सकता है।

https://twitter.com/payalmehta100/status/1691340079267196928

न्यूज एजेंसी एएनआई के एक्स हैंडल पर भी हमें पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराते हुई उनकी तस्वीर मिली।

इससे स्पष्ट है कि आडवाणी अगर सोशल मीडिया पर मौजूद होते तो उनकी इन तस्वीरों को उनके आधिकारिक हैंडल से भी शेयर किया जाता।

वायरल ग्राफिक्स को लेकर हमने लालकृष्ण आडवाणी के कार्यालय से संपर्क किया। हमें बताया गया, “लालकृष्ण आडवाणी का कोई आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट नहीं है।” स्पष्ट है कि लालकृष्ण आडवाणी के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फेक है, जिसे फेक अकाउंट के जरिए क्रिएट किया गया है। एक्स पर अब यह हैंडल भी मौजूद नहीं है, क्योंकि इसे डिलीट किया जा चुका है।

इससे पहले भी कई बार अलग-अलग मौकों पर यह ग्राफिक्स सोशल मीडिया पर शेयर होता रहा है, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल ग्राफिक्स को शेयर करने वाले ग्रुप में करीब छह लाख से अधिक लोग जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम से वायरल हो रहा कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है, जिसे एडिटिंग की मदद से तैयार किया गया है। लालकृष्ण आडवाणी का एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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