Fact Check: वाराणसी में साधु के वेश में किडनी चोरों के पकड़े जाने का दावा निराधार और अफवाह
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में साधु की वेशभूषा में किडनी चोरों के पकड़े जाने का दावा निराधार और अफवाह है और इसके साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एक सितंबर 2022 का बड़ागांव क्षेत्र के इंद्रवार का है, जहां ग्रामीणों को घूमकर भिक्षाटन करने वालों पर बच्चा चोरी का शक हुआ था। इसके बाद पुलिस ने सभी साधुओं को थाने में ले जाकर पूछताछ की और उनकी तरफ से मिली जानकारी को सत्यापित किया। जांच के दौरान कोई भी गड़बड़ी नहीं मिलने पर पुलिस ने इन सभी को छोड़ दिया गया।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 13, 2022 at 01:19 PM
- Updated: Sep 13, 2022 at 03:53 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भगवा वस्त्र पहने हुए कई लोग पुलिस की हिरासत में नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये सभी साधु की वेशभूषा में किडनी चोर हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बीरा पट्टी में गिरफ्तार किया गया है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वाराणसी के बीरा पट्टी गांव में साधु के वेश में किडनी चोरों के पकड़े जाने का दावा पूरी तरह से अफवाह है। वीडियो में नजर आ रहे लोग भिक्षा मांगने वाले लोग थे और ग्रामीणों की शंका के आधार पर पुलिस ने हिरासत में लेकर विस्तृत जांच पड़ताल करने के बाद इन्हें छोड़ दिया था। साथ ही वाराणसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
क्या है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘शकील शेख शेख’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”कारंजा लाड..किडनी जिहाद आर ऐसेस के आतंकी पंडीत
वारानसी नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के बीरा पट्टी गाव मे (28) किडनी चोरी करके साधुओ ने बच्चो को मौत के घाट उतारा है रंग्गे हाथ पकळे गए।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
सामान्य की-वर्ड सर्च में ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट्स का लिंक मिला, जिसमें इस घटना का जिक्र है। जागरण की वेबसाइट पर 10 सितंबर 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘ बच्चा चोरी करने वाले गिरोह की अफवाह तेजी से बनारस में भी फैल रही है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इसे सच मान रहे हैं। पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर बच्चा चोर के शक में ग्रामीणों ने निर्दोष लोगों को पीट दिया। एसपी ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी ने इसे लेकर कड़ी चेतावनी दी है। अब एडीजी कानून एवं सुरक्षा ने भी चेतावनी दी है।’
एक अन्य न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बच्चों को चुरा कर उनकी किडनी निकालते हुए कुछ साधुओं के वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वह वाराणसी के बड़ागांव थाना के बीरापट्टी गांव का है। जांच के बाद मंगलवार को वाराणसी ग्रामीण पुलिस ने कहा कि बच्चा चुरा कर किडनी निकालने से संबंधित बातें अफवाह हैं। ऐसे भ्रामक वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ पुलिस आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेगी।’
वाराणसी ग्रामीण पुलिस की तरफ से बच्चों की किडनी निकालते हुए साधुओं के पकड़े जाने के दावे के साथ वायरल वीडियो के बारे में जानकारी दी गई है।
सर्च में वाराणसी ग्रामीण पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ग्रामीण पुलिस अधीक्षक का बयान और पुलिस की तरफ से जारी किया गया बयान भी मिला।
बयान के मुताबिक, वाराणसी ग्रामीण पुलिस ने बच्चा चोरी की अफवाह के कारण निर्दोष और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के साथ मारपीट किए जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए लोगों से इस तरह का अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है। साथ ही अफवाह फैलाने वालों और लोगों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है।
न्यूज रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो (जिसमें पुलिस हिरासत में भगवा वेशभूषा वाले कई लोग नजर आ रहे हैं) के बारे में वाराणसी पुलिस का खंडन मिला। पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा है, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसको वाराणसी ग्रामीण के ग्राम बीरापट्टी का बताकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि कुछ साधुओं को बच्ची की किडनी निकालते हुए पकड़ा गया है। वास्तविकता यह है कि दिनांक 01.09.2022 को थाना बड़ागांव क्षेत्र के ग्राम इंद्रवार में घूमकर भिक्षा मांगने वाले साधुओं पर ग्रामीणों द्वारा शक किए जाने के उपरान्त सभी साधुओं को थाने पर लाकर पूछताछ किया गया था। पूछताछ से सभी का नाम पता उनके निवास स्थान से तस्दीक किया गया था एवं जांच से उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं पाया गया।’
रिपोर्ट में पुलिस अधीक्षक का बयान भी शामिल है, जिसके मुताबिक, ‘एक सितंबर को इंदवार गांव में भिक्षा मांग रहे कुछ साधुओं पर ग्रामीणों ने शक जताया था। उनका कहना था कि वह लोग साधु नहीं, बल्कि बच्चा चुराने वाले गिरोह से संबंधित हैं। ग्रामीणों की शंका के आधार पर सभी साधुओं के संबंध में विस्तार से पड़ताल की गई। जांच में सामने आया कि वह बच्चा चुराने वाले गिरोह के लोग नहीं हैं और उनका काम घूम कर भिक्षाटन करना है। इसी बीच सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लोग वीडियो शेयर करने लगे कि बीरापट्टी गांव में बच्चा चुरा कर कुछ साधु उनकी किडनी निकाल रहे थे। यह पूरी तरह से निराधार और अफवाह है।’
वायरल वीडियो और मामले की अतिरिक्त जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने वाराणसी ग्रामीण के पुलिस उपाधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘वीडियो में जो लोग साधु की वेशभूषा में नजर आ रहे हैं, वह भिक्षा मांगने वाले लोग हैं। ग्रामीणों की शंका के आधार पर इन सभी को थाने पर बुलाकर पूछताछ की गई थी और उनकी तरफ से दी गई जानकारी को उनके संबंधित गांव के प्रधान और पुलिस स्टेशन से चेक किया था। सही जानकारी के बाद इन सभी को छोड़ दिया गया था।’
उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा किडनी चोरी का दावा निराधार और अफवाह है और पुलिस ने इस तरह का अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने चौबेपुर थाना में आईपीसी की धारा 505 1 (b) के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में साधु की वेशभूषा में किडनी चोरों के पकड़े जाने का दावा निराधार और अफवाह है और इसके साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एक सितंबर 2022 का बड़ागांव क्षेत्र के इंद्रवार का है, जहां ग्रामीणों को घूमकर भिक्षाटन करने वालों पर बच्चा चोरी का शक हुआ था। इसके बाद पुलिस ने सभी साधुओं को थाने में ले जाकर पूछताछ की और उनकी तरफ से मिली जानकारी को सत्यापित किया। जांच के दौरान कोई भी गड़बड़ी नहीं मिलने पर पुलिस ने इन सभी को छोड़ते हुए सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी या अंग चोरी से संबंधित अफवाह फैलाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।
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