Fact Check: लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक में किसानों के टमाटर को फेंके जाने के वीडियो को कृषि कानूनों की वापसी से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक में किसानों द्वारा टमाटर को सड़कों पर फेंके जाने के पुराने वीडियो को कृषि कानूनों की वापसी के कारण किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिलने के भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। केंद्र सरकार की तरफ से तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ किसानों को सड़क किनारे टमाटर को फेंकते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि कृषि कानूनों के वापस लिए जाने के बाद किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो कर्नाटक के कोलार से संबंधित है, जहां लॉकडाउन की वजह से मंडी में मौजूद टमाटरों की बिक्री नहीं हो पाई। इसी वीडियो को कृषि कानूनों की वापसी की वजह से किसानों की समस्या का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Anup Singh Adv’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”दक्षिण भारत में टमाटर का सही मूल्य दलाल लोग किसानों को नही दे रहे हैं,, 75 पैसे प्रति किलो दे रहे हैं। इसलिए किसान लोग टमाटर सड़कों के किनारे फेक रहे है,,
उत्तर भारत मे किल्लत मची है दलालों के कारण,,
मोदी जी का कृषि कानून का महत्व अब सबको समझ आएगा।।”

https://www.facebook.com/100072903761607/videos/203442998630048

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहे वीडियो पर एशियानेट न्यूज के लोगो को देखा जा सकता है। सर्च में हमें यह वीडियो एशियानेट न्यूज के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर लगा मिला।

15 मई 2021 को अपलोड किए गए वीडियो के साथ दी गई जानककारी के मुताबिक, यह वीडियो कर्नाटक से संबंधित है, जहां लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक में टमाटर का उत्पादन करने वाले किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

रिपोर्ट से मिली जानकारी के आधार पर न्यूज सर्च करने पर हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इस घटना का विवरण है। इंडिया टाइम्स डॉट कॉम की वेबसाइट पर 21 मई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोविड-19 संक्रमण को रोकने के मकसद से कई राज्यों में जारी लॉकडाउन की वजह से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। विशेषकर उन किसानों को जिन्होंने सब्जी की खेती की थी, क्योंकि अब उन्हें कटाई करने और उसे समय पर बाजार ले जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कम कीमतों की वजह से भी किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है।’

। इंडिया टाइम्स डॉट कॉम की वेबसाइट पर 21 मई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है, ‘पिछले कुछ दिनों के दौरान कर्नाटक के कोलार से ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें कम कीमतों की वजह से किसानों को सड़कों के किनारे टमाटरों को फेंकते हुए देखा जा सकता है।’
अब तक की पड़ताल से साफ है कि वायरल हो रहा वीडियो कर्नाटक के कोलार का है और सड़कों पर टमाटरों को फेंके जाने की घटना लॉकडाउन से संबंधित है।

इस वीडियो को लेकर हमने न्यू इंडियन एक्सप्रेस के कोलार संवाददाता वेलायुधम से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल हो रहा वीडियो कर्नाटक से संबंधित है और यह घटना लॉकडाउन के दौरान की है।’

गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कृषि कानूनों को वापस को रद्द किए जाने का बिल पारित हो गया था और एक दिसंबर को राष्ट्रपति की तरफ से इस पर मुहर लगाए जाने के बाद तीनों कृषि कानून औपचारिक रूप से निरस्त हो चुके हैं।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 100 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: लॉकडाउन के दौरान कर्नाटक में किसानों द्वारा टमाटर को सड़कों पर फेंके जाने के पुराने वीडियो को कृषि कानूनों की वापसी के कारण किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिलने के भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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